पोहरी विधानसभा सीट पर पिछले 2 चुनावों से बीजेपी का कब्जा है. यहां के विधायक प्रहलाद भारती हैं. भारती लगातार तीसरी बार चुनाव जीतने की कोशिश कर रहे हैं.

2008 के चुनाव में भी प्रहलाद भारती ने जीत हासिल की थी. भारती को 53068 वोट मिले थे. इस बार भी बीएसपी के हरिवल्लभ शुक्ला 49443 वोट के साथ दूसरे स्थान पर थे. बता दें कि पोहरी विधानसभा सीट पर भी बसपा खासी मजबूत है.
इस सीट पर यदि कांग्रेस का बसपा से गठबंधन हो जाता है तो बीजेपी की राह काफी मुश्किल हो सकती है. बता दें कि कांग्रेस इस सीट पर लगातार 5 चुनाव हार चुकी है. वहीं इस बार के चुनाव आम आदमी पार्टी भी अपना उम्मीदवार उतार रही है. ‘आप’ ने नरेंद्र व्यास को अपना उम्मीदवार बनाया है.
ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले इस इलाके के लोग एकमात्र कृषि पर ही आधारित रहते हैं. पोहरी शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, पेयजल और सिंचाई जैसी मूलभूत समस्याओं से जूझता आया है. पोहरी विधानसभा सीट पर मुख्य रूप से धाकड़ और ब्राहणों की वर्चस्व की लड़ाई होती है.
इस सीट पर बीजेपी की ओर से एक बार फिर वर्तमान विधायक प्रहलाद भारती टिकट के दावेदार हैं. इसके अतिरिक्त इस सीट से पूर्व विधायक नरेन्द्र बिरथरे, सोनू बिरथरे, ग्वालियर की सालौनी धाकड के अतिरिक्त कैलाश कुशवाह भी टिकट की दौड़ में हैं.
2013 में हुए चुनाव के नतीजेमध्य प्रदेश में कुल 231 विधानसभा सीटें हैं. 230 सीटों पर चुनाव होते हैं जबकि एक सदस्य को मनोनीत किया जाता है. 2013 के चुनाव में बीजेपी को 165, कांग्रेस को 58, बसपा को 4 और अन्य को तीन सीटें मिली थीं.
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