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एमपी कांग्रेस में खींचतान जारी, लक्ष्मण सिंह ने कमलनाथ को दिए दिग्विजय सिंह की तरह सरकार चलाने के सुझाव

मध्यप्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस में जारी खींचतान के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता लक्ष्मण सिंह ने मंगलवार को कहा कि कमलनाथ सरकार में सत्ता के विकेंद्रीकरण की आवश्यकता है। उन्होंने अपने इस सुझाव के पक्ष में दावा किया कि दिग्विजय सिंह की अगुवाई वाली पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में सत्ता के विकेंद्रीकरण के अच्छे नतीजे आए थे।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के छोटे भाई और मध्यप्रदेश के गुना जिले की चाचौड़ा सीट से पार्टी के विधायक हैं। उन्होंने इंदौर में आज यानी मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘राजनीति में लंबा अनुभव रखने वाले मुख्यमंत्री कमलनाथ हालांकि एक अच्छे प्रशासक हैं, लेकिन अभी सूबे में सत्ता का केंद्रीकरण है और इसके विकेंद्रीकरण की आवश्यकता है।’

उन्होंने कहा, ‘शायद कमलनाथ आगामी स्थानीय निकाय चुनाव निपटने का इंतजार कर रहे हैं। मुझे लगता है कि चुनाव निपटने के बाद राज्य में सत्ता का विकेंद्रीकरण किया जाना चाहिए। दिसंबर 1993 से दिसंबर 2003 के बीच राज्य के मुख्यमंत्री रहने के दौरान दिग्विजय ने बड़े फैसले के तहत सत्ता का विकेंद्रीकरण किया था, जिसके अच्छे परिणाम भी आए थे।’

उन्होंने कहा कि राज्य में कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं दिग्विजय और ज्योतिरादित्य सिंधिया की गुना में सोमवार को हुई मुलाकात को लेकर मीडिया ने कुछ ज्यादा हवा बना दी, जबकि यह एक सामान्य भेंट थी। सिंह ने कहा, ‘कांग्रेस की राज्य इकाई में कोई टकराव नहीं है। हमारी पार्टी में सभी नेता लोकतांत्रिक तरीके से खुलकर अपनी बात रखते हैं।’

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिये गठित ‘राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट’ में शामिल सदस्यों की पृष्ठभूमि को लेकर दिग्विजय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सवाल उठाए हैं। इस बारे में पूछे जाने पर राज्यसभा सांसद के छोटे भाई ने कहा, ‘पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक अयोध्या में राम मंदिर तो बन जाने दीजिए। मंदिर बनने से पहले इस तरह की बातें उठना उचित नहीं है। अभी तो इस ट्रस्ट ने ठीक से काम करना भी शुरू नहीं किया है।’

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