कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और सीएम कमलनाथ में जुबानी जंग के बीच शिवराज सरकार के दौरान विपक्ष के नेता रहे अजय सिंह ने भी सरकारी कामकाज को लेकर नाराजगी जताई है। सिंह का कहना है कि वह काम करना चाहते हैं लेकिन उनकी आवाज अब नहीं सुनी जा रही है।
भोपाल
मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और सीएम कमलनाथ के बीच की कड़वाहट जगजाहिर होने के बाद शिवराज सरकार के दौरान विपक्ष के नेता रहे अजय सिंह ने भी विरोधी रुख अख्तियार कर लिया है।
मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे अजय सिंह ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘मैं कई विकास कार्यों को करना चाहता हूं, युवाओं को रोजगार देना चाहता हूं और यहां सिंचाई प्रणाली में सुधार करना चाहता हूं। लेकिन मेरी आवाज अब नहीं सुनी जा रही है।’ ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस बात पर नाराजगी जताई थी कि सरकार ने राज्य के किसानों से किए गए कर्जमाफी के वादे को निभाया नहीं है।
इसी महीने मध्य प्रदेश कांग्रेस कोऑर्डिनेशन कमिटी की मीटिंग को बीच में ही छोड़कर सिंधिया चले गए थे। इस बैठक में सीए कमलनाथ भी मौजूद थे। ज्योतिरादित्य सिंधिया शिक्षकों के मुद्दे को लेकर भी कमलनाथ सरकार पर हमलावर हैं। टीकमगढ़ के गांव में गेस्ट टीचर्स को संबोधित करते हुए सिंधिया ने कहा था कि मध्य प्रदेश में सरकार पार्टी के घोषणापत्र को पूरा लागू नहीं करती है तो अपनी सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरने में नहीं हिचकिचाएंगे। सिंधिया की इस धमकी पर जब सीएम कमलनाथ से सवाल किया गया था तो उन्होंने दो टूक कह दिया था, ‘तो (सड़क पर) उतर जाएं।’