– मंत्री से पटरी नहीं बैठने पर एसीएस ने मांगा लंबा अवकाश
भोपाल. वन मंत्री उमंग सिंघार और अपर मुख्य सचिव एपी श्रीवास्तव का विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार मंत्री ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से एसीएस की शिकायत की है। वहीं, मंत्री से पटरी न बैठने पर एसीएस श्रीवास्तव ने मुख्य सचिव एसआर मोहंती से 47 दिन का अवकाश मांगा है। उन्होंने सात मार्च से अवकाश पर जाने का आवेदन भी भेजा है।
मंत्री सिंघार ने पहले शिकायती पत्र में मुख्यमंत्री को लिखा है कि एसीएस न तो आपके आदेशों का पालन कर रहे हैं और न ही मुझे तवज्जो दे रहे हैं। इससे विभाग की कई महत्वाकांक्षी योजनाएं प्रभावित हो रही हैं। साथ ही वन्यजीवों के हित में किए गए महत्त्वपूर्ण निर्णयों का क्रियान्वयन भी नहीं हो पा रहा है।
– कहा- खुली अवेहलना पर उतारू
मंत्री सिंघार ने एक नोटशीट में मुख्यमंत्री से कहा है कि आपने राज्य वन्यप्राणी बोर्ड में बैठक में टाइगर स्टेट के प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद विभाग ने प्रचार प्रसार के लिए कोई योजना नहीं बनाई। अत्यंत खेद के साथ आपको सूचित करना पड़ रहा है कि मेरे बार-बार कहने के बावजूद एसीएस ने आज तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। विभाग के अधिकारियों ने प्रचार प्रसार के लिए जो राशि मांग की थी उसका दसवां हिस्सा ही एसीएस ने स्वीकृत किया है। ऐसा प्रतीत होता है कि एसीएस मेरे निर्देशों की खुली अवहेलना पर उतारू हो गए हैं।
– क्रियान्वयन पर लगाई रोक
वन मंत्री सिंघार ने दूसरी नोटशीट में लिखा कि वनों एवं वन्यजीवों की सुरक्षा की दृष्टि से संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी उपकरणों की खरीदी व रखरखाव को भारत सरकार ने मंजूरी दी है। इसके चलते मैंने ई-आई सिस्टम लगाने का प्रस्ताव तैयार कराया था। इस सिस्टम से दस किमी के व्यास तक के वन क्षेत्रों और वन्यजीवों की निगरानी की जा सकती है। यह सिस्टम फिलहाल कान्हा, बांधवगढ़ और पन्ना टाइगर रिजर्व में लगाया जाना प्रस्तावित है। तीन जनवरी को विभागीय अधिकारियों के अनुरोध को दरकिनार करते हुए अपर मुख्य सचिव ने इस सिस्टम के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी।
– विजन पर काम नहीं हो रहा
मंत्री ने तीसरी नोटशीट में लिखा है कि अभ्यारण्य बनाने के लिए जो क्षेत्र चुने गए हैं, वे हाई टाइगर कनेक्टिविटी क्षेत्र हैं। इन क्षेत्रों को अभ्यारण्य, नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व वनाने के संबंध में कोई विशेष प्रयास नहीं किया जा रहा है, वन अधिकारियों ने इस प्रस्ताव को शासन में भेज दिया है। इसी तरह मध्यप्रदेश विजन पर भी विभाग कोई काम नहीं कर रहा है।
मुझे जो कहना था, मुख्यमंत्री को नोटशीट लिखकर कह दिया। ये हमारे विभाग का आंतरिक मामला है, इसलिए मैं इस मैटर में कुछ नहीं बोल सकता।
– उमंग सिंगार, वन मंत्री
मैं इस संबंध में कोई बात नहीं करना चाहता।
– एपी श्रीवास्तव, अपर मुख्य सचिव