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MP में जल्द हो सकता है बड़ा उलटफेर, ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर इसलिए सॉफ्ट हुई भाजपा!

कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं। भाजपा के पास 107 विधायक हैं।

भोपाल. मध्यप्रदेश की सियासत एक बार फिर से अटकलों पर आ गई है। राज्यसभा चुनाव में दावेदार का चयन कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। वहीं, भाजपा राज्यसभा चुनाव में एक विकल्प देख रही है। सबसे बड़ा सवाल ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के बयान जहां कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं वहीं, भाजपा ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर लगातार सॉफ्ट होती जा रही है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर सिंधिया को लेकर भाजपा सॉफ्ट क्यों हैं।

जानकारों का कहना है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ हमला करने के बजाए भाजपा उनके पक्ष पर बयानबाजी कर रही है। इसका सीधा संबंध राज्यसभा चुनाव से हैं। मध्यप्रदेश की तीन राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव होना है। एक-एक सीट दोनों पार्टियों के खाते में जाना तय है। जबकि तीसरी सीट के लिए वोटिंग की स्थिति बन सकती है क्योंकि दोनों ही दलों को पास राज्यसभा की तीसरी सीट के लिए पूर्ण बहुमत नहीं है। तीसरी सीट के लिए भाजपा को 6 विधायकों की जरूरत है तो कांग्रेस के लिए 2 विधायकों की जरूरत है।

इस कारण सिंधिया को लेकर सॉफ्ट हुई भाजपा
यहीं कारण है कि भाजपा, ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर सॉफ्ट हो गई है। भाजपा सिंधिया समर्थक विधायकों को ये संदेश देना चाहती है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ उनकी पार्टी न्याय नहीं कर रही है। सिंधिया के पक्ष में बोलकर भाजपा विधायकों के साथ-साथ जनता को भी यह संदेश दे रही है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे काबिल नेता को कांग्रेस में साइड लाइन किया जा रहा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रति सॉफ्ट बयानबाजी कर भाजपा सिंधिया समर्थक विधायकों का समर्थन हासिल करने की रणनीति बना रही है।

चौंकाने वाला हो सकता है नाम
अटकलें लगाई जा रही हैं कि भाजपा तीसरी सीट में उम्मीदवार खड़ा कर वोटिंग की स्थिति लाना चाहती है। भाजपा तीसरे नाम पर एक ऐसे नेता को उतार सकती है जिसका ज्योतिरादित्य सिंधिया खुला विरोध नहीं करते हों। राज्यसभा जाने की दावेदारों में पूर्व सीएम उमा भारती का नाम भी सामने आ रहा है। बता दें कि हाल ही में ज्योतिरादित्य सिंधिया और उमा भारती की ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर मुलाकात भी हुई थी।

दिग्विजय भा लगा चुके हैं आरोप
मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा था कि भाजपा कांग्रेस पार्टी के विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रही है। दिग्विजय सिंह ने कहा- भाजपा कांग्रेस के विधायकों को 35 करोड़ रुपए देने का लालच दिया है।

क्या है राज्यसभा पहुंचने का गणित
राज्यसभा सदस्यों के चुनाव में एक प्रत्याशी को जीतने के लिए कम से कम 58 विधायकों के वोटों की जरूरत है। 2018 के विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। जबकि कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं। भाजपा के पास 107 विधायक हैं। सपा, बसपा और निर्दलीय के सहारे कमलनाथ की सरकार चल रही है। ऐसे में भाजपा के पास अपने दो नेताओं को राज्यसभा भेजने के लिए पर्याप्त संख्याबल नहीं है।

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