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कैबिनेट का बड़ा फैसला, सीएम से लेकर सभी विधायकों के वेतन में कटौती

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित हुई हिमाचल मंत्रिमंडल की बैठक में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए बड़ा फैसला लिया गया। कैबिनेट के फैसले के अनुसार प्रदेश में सीएम जयराम से लेकर सभी विधायकों को एक साल तक 30 फीसदी कम वेतन मिलेगा। विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष समेत सभी बोर्ड-निगमों के चेयरमैन और वाइस चेयरमैन के वेतन में भी 30 फीसदी की कटौती की गई है। वहीं, एमएलए फंड को भी अब कोविड फंड में खर्च किया जाएगा। एमएलए फंड का निर्णय दो साल के लिए लागू रहेगा। बैठक में तीन मंत्री वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये जुड़े।

कैबिनेट के निर्णयों की जानकारी देते हुए शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि इस संबंध में सरकार जल्द ही अध्यादेश लाएगी। वर्तमान में विधायक निधि एक करोड़ 75 लाख रुपये की है। बाद में हालात सामान्य होने पर इसे वापस भी किया जा सकता है। कहा कि विधायकों के भत्तों में कटौती पर केंद्र सरकार जो फैसला लेगी हिमाचल भी उसे लागू करेगा। हालांकि, श्रेणी 1 और 2 स्तर के अधिकारियों के वेतन में कटौती का अभी विचार नहीं है। कुछ राज्यों ने जरूर सरकारी कर्मचारियों के वेतन में कटौती की है। जरूरत पड़ने पर हिमाचल भी इस पर निर्णय लेगा। बता दें केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री, मंत्रियों और सभी सांसदों के वेतन में 30 फीसदी की कटौती का फैसला लिया गया है। इसके बाद मंगलवार को हिमाचल सरकार ने भी कैबिनेट बैठक में इस पर फैसला लिया।
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जमाती सुसाइड बम की तरह: भारद्वाज

लॉकडाउन और कर्फ्यू हटाने के सवाल पर भारद्वाज ने कहा कि इस पर 14 अप्रैल के बाद समीक्षा कर केंद्र फैसला करेगा। उन्होंने कहा कि शुरूआत में कोरोना पॉजिटिव पाए गए दोनों मरीज ठीक हो गए जबकि एक तिब्बती की मौत के बाद कोई नया मामला नहीं आया था। लेकिन प्रदेश में जमातियों के कोरोना पॉजिटिव मामले बढ़ने से हालात मुश्किल हुए हैं। भारद्वाज ने जमातियों को सुसाइड बम की संज्ञा देते हुए कहा कि सबसे खतरनाक ये है कि ये खुद आगे आकर जानकारी देने के बजाय छुपा रहे हैं। ऐसी स्थिति में लॉकडाउन या कर्फ्यू कब खत्म होगा ये कहा नहीं जा सकता।

दालों की आपूर्ति पर ये कहा
भारद्वाज ने कहा कि हिमाचल में दालों की आपूर्ति बाहरी राज्यों से होती है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत दालों की आपूर्ति का इस साल का टेंडर 31 मार्च को खत्म हो गया है। नए टेंडर उचित नहीं थे इसलिए स्वीकार नहीं हुए। पुराने आपूर्तिकर्ता भी लॉकडाउन की वजह से आपूर्ति करने के लिए तैयार नहीं हैं। एक आपूर्तिकर्ता ने मामूली वृद्धि के साथ दालों की आपूर्ति करने की बात कही थी जिसे कैबिनेट ने स्वीकार करते हुए मंजूरी दे दी है। रिफाइंड तेल आपूर्तिकर्ताओं का टेंडर भी बढ़ाया गया है।

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