देश में कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन के बीच पीएम नरेंद्र मोदी खुद अपने पुराने साथियों से बातचीत करने में जुटे हुए हैं। पीएम ने हाल ही में उत्तराखंड से लेकर गुजरात तक तमाम पुराने बीजेपी नेताओं को फोन किया है
हाइलाइट्स:
लॉकडाउन के बीच पीएम नरेंद्र मोदी कर रहे बीजेपी के पुराने नेताओं को फोन
बीजेपी की स्थापना के समय से पार्टी के साथ रहे तमाम नेताओं को पीएम का फोन
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और गुजरात के नेताओं से पीएम नरेंद्र मोदी ने की बातचीत
हाल ही में पीएम ने विपक्षी नेताओं और समाज के अलग-अलग वर्गों के लोगों से भी बातचीत की
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नई दिल्ली
कोरोना के त्रासदी काल में देश में लॉकडाउन की स्थितियां बरकरार हैं। आम लोग अपने घर में हैं और लोगों से बात करने का जरिया सिर्फ फोन और सोशल मीडिया है। ऐसे वक्त में जब सारा देश अपने भूले-बिसरे दोस्तों से बात करके लॉकडाउन की अवधि काट रहा है, खुद पीएम नरेंद्र मोदी (PM NARENDRA MODI) भी बीते कुछ दिनों से लगातार अपने पुराने दोस्तों से बात करने में जुटे हुए हैं। पीएम ने हाल ही में जनसंघ के दिनों के अपने उन पुराने साथियों से बातचीत की है, जिनके साथ उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी।
उत्तराखंड के वरिष्ठ बीजेपी नेता मोहन लाल बौठियाल को उस समय यकीन नहीं हुआ जब उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय (CALL FROM PRIME MINISTER) से फोन आया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनसे बात करना चाहते हैं। बौठियाल (76) को बुधवार सुबह 8.26 बजे फोन आया, जब वह उत्तराखंड में पौड़ी जिले के दुगड्डा ब्लॉक स्थित पैतृक गांव एता में अपने गेहूं के खेतों की ओर जा रहे थे। प्रधानमंत्री कार्यालय से कॉल आने के कुछ ही सेकंड के भीतर दूसरी तरफ से प्रधानमंत्री (PRIME MINISTER OF INDIA) की आवाज सुनकर वह भाव-विभोर हो गए, जब प्रधानमंत्री ने उनसे पूछा कि कैसा चल रहा है। मोदी ने करीब तीन मिनट तक अपने पुराने साथी से बातचीत की।
उन्होंने इस बारे में बातचीत की कि कैसे 1998 में उनकी मुलाकात बद्रीनाथ में बीजेपी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में हुई थी और उसके बाद 2014 में उत्तराखंड के श्रीनगर (गढ़वाल) में एक चुनावी सभा में वे मिले थे। मोदी ने बौठियाल को बताया कि उन्होंने देश में संकट के इस समय में जनसंघ के दिनों के अपने पुराने साथियों से बात करने का फैसला किया है और इस नाते उनसे बात कर रहे हैं। बौठियाल 1960 में जनसंघ (JANSANGH) में शामिल हुए थे। इसके बाद वह 1970 में जनता पार्टी और 1980 में बीजेपी से जुड़ गए। उत्तर प्रदेश से अलग उत्तराखंड राज्य बनने के बाद बौठियाल पार्टी के कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे।