मंथन न्युज , नई दिल्ली। असम में एनआरसी के मसौदा रिपोर्ट पर जारी विवाद के बीच लोकसभा में रोहिंग्या घुसपैठियों को लेकर हंगामा हुआ। विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रोहिंग्या की पहचान की जा रही है और अंतत: उन्हें वापस भेजने की भी व्यवस्था की जाएगी। वहीं राजनाथ सिंह के जूनियर राज्यमंत्री किरण रिजिजु ने साफ कर दिया कि रोहिंग्या शरणार्थी नहीं हैं, बल्कि अवैध घुसपैठिये हैं, उन्हें शरणार्थियों की सुविधाएं नहीं दी जा सकती है।
लोकसभा में रोहिंग्या के मुद्दे पर हुआ हंगामा
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान अरविंद सावंत, रामस्वरूप शर्मा और सुगत बोस के पूरक प्रश्नों के उत्तर में राजनाथ सिंह ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल और असम राइफल्स को सजग किया गया है ताकि म्यांमार से लगी सीमा से रोहिंग्या भारत में प्रवेश नहीं कर सकें। इसके साथ ही देश में रह रहे रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान की जा रही है और इस संबंध में राज्य सरकारों को एडवाइजरी भेजी जा चुकी है।
एडवाइजरी में राज्य सरकारों को रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान सुनिश्चित करने के साथ ही उनकी गतिविधियों पर नजर रखने को कहा गया है। राजनाथ सिंह के अनुसार पहचान हो जाने के बाद गृहमंत्रालय विदेश मंत्रालय के साथ संपर्क कर रोहिंग्या को म्यांमार वापस भेजने के रास्ते पर विचार करेगा।
वहीं किरण रिजिजु ने सदन को बताया कि रोहिंग्या घुसपैठियों के अवैध गतिविधियों में शामिल होने की भी जानकारी मिली है। रिजिजू ने एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि रोहिंग्या भारत में शरणार्थी नहीं हैं, बल्कि अवैध घुसपैठिये हैं।
रिजिजू के अनुसार राज्यों को यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है कि रोहिंग्या घुसपैठिये किसी तरह का सरकारी दस्तावेज हासिल नहीं कर सकें। उनके अनुसार सबसे अधिक रोहिंग्या जम्मू-कश्मीर में हैं। इसके अलावा तेलंगाना, दिल्ली और हरियाणा में भी रोहिंग्या हैं।
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