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अध्यापकों के संविलियन का नोटिफिकेशन जारी! अलग कैडर से बनाया सरकारी शिक्षक…

1August18- 2.5 लाख अध्यापक बने सरकारी शिक्षक! कहीं आप भी तो नहीं हैं इनमें शा​मिल :

भोपाल। मध्यप्रदेश में सरकार के वादे के चलते करीब ढाई लाख अध्यापकों के संविलियन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसी के साथ स्कूल शिक्षा विभाग ने संविलियन के लिए राज्य शिक्षा सेवा के तहत शिक्षकों के भर्ती नियम जारी कर दिए हैं।

वहीं कहा जा रहा है कि संविलियन आदेश एक से दो दिन में अलग से जारी किए जाएंगे। वहीं सामने यह बात भी आई है कि नियमों के तहत भले अध्यापकों का संविलियन स्कूल शिक्षा विभाग में होगा, लेकिन उनके लिए अलग कैडर बना दिया गया है।

दरअसल अध्यापक संवर्ग का संविलियन शिक्षा और अनुसूचित जाति कल्याण विभाग में करने का फैसला लिया गया था। ऐसे अब यह लोग पंचायत नगरीय निकाय के कर्मचारी नहीं शासकीय सेवक कहलाएंगे।

नए कैडर के बनने से संविलियन के बाद वरिष्ठ अध्यापक अब उच्चतर माध्यमिक शिक्षक, अध्यापक अब माध्यमिक शिक्षक और सहायक अध्यापक अब प्राथमिक शिक्षक कहलाएंगे।

इसके अलावा सहायक अध्यापक (प्रयोगशाला) को प्रयोगशाला शिक्षक, सहायक अध्यापक (व्यायाम) को खेलकूद शिक्षक और सहायक अध्यापक (गायन/वादन) को गायद/वादन शिक्षक श्रेणी-अ बनाया जाएगा।

अध्यापक फिलहाल पंचायत, नगरीय निकाय और आदिवासी विभाग के तहत आते हैं, अब वे स्कूल शिक्षा विभाग के तहत काम करेंगे। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अध्यापकों का शिक्षा विभाग में संविलियन करने की घोषणा की थी।

इस संबंध में आदेश राज्यपाल के नाम से अपर सचिव अजय कुमार शर्मा के हस्ताक्षर से जारी हुए हैं। वहीं काफी समय से संविलियन का इंतजार कर रहे इन शिक्षकों का संविलियन कर सरकार ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। सरकार के नोटिफिकेशन के साथ ही अब इन अध्यापकों का शिक्षा विभाग में संविलियन हो गया है।

नई भर्ती में भी यही नियम…
वहीं सामने आ रही जानकारी के अनुसार शिक्षकों की नई भर्ती के लिए भी यही नियम लागू होंगे। शिक्षक पात्रता परीक्षा के तहत नई भर्ती होगी।

एससी, एसटी, ओबीसी व दिव्यांगों को 50 प्रतिशत और अनारक्षित वर्ग के लोगों को परीक्षा में न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक लाना होगा।

अभी भी असंतुष्ट कई अध्यापक…
आदेशों के संबंध में जानकारी समाने आने के बाद कुछ अध्यापक संघों ने इस नियम को अध्यापकों के साथ धोखा बताया है। मप्र शासकीय अध्यापक संघ के पदाधिकारियों के मुताबिक नए कैडर पर अध्यापकों को जुलाई 2018 से नियुक्ति दी जाएगी। इससे 1998 में नियुक्त शिक्षाकर्मी से अध्यापक तक की सेवा अवधि शून्य हो जाएगी और प्रमोशन के लिए फिर से ग्रामीण क्षेत्रों में 3 साल सेवा देना जरूरी होगा। इसके साथ ही नए संवर्ग में इ-अटेंडेस और ड्रेस कोड भी अनिवार्य कर दिए गए हैं। ऐसे में नया कैडर बनने से अध्यापक कभी भी शिक्षकों की बराबरी पर नहीं आ सकेंगे।

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