भोपाल। प्रदेश में स्वच्छ विद्यालय अभियान के अंतर्गत सरकारी स्कूलों में कार्य-योजना बनाकर स्वच्छ भारत की परिकल्पना के अनुसार कार्य शुरू किया गया है। राज्य शिक्षा केन्द्र ने जिला कलेक्टर्स को निर्देश जारी किये हैं। कार्य-योजना के अनुसार 2 अक्टूबर 2019 तक सभी काम पूरे किये जाएँ
निर्देशों में कहा गया है कि सभी सरकारी स्कूलों में बालक-बालिकाओं के लिए पृथक-पृथक शौचालयों का निर्माण और उनका संधारण किया जाये। शौचालयों की नियमित सफाई अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाये। शौचालयों की मरम्मत के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की स्टाम्प शुल्क वसूली की राशि में प्रावधान किया गया है। ग्रामीण क्षेत्र में प्रत्येक शाला को सफाई व्यवस्था के लिए अलग से राशि दी गई है।
शासकीय शालाओं में न्यूनतम एक पेयजल स्रोत के व्यवस्था के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से सहयोग लेने के लिये कहा गया है। शाला में उपलब्ध पेयजल की शुद्धता की नियमित जाँच करवाई जाये। शालाओं में मध्यान्ह भोजन के पूर्व पढ़ने वाले विद्यार्थियों के हाथ साबुन से अनिवार्य रूप से धुलवायें जायें। इसकी आदत बच्चों में विकसित की जाये। बच्चे स्वच्छता के महत्व को समझ सकें, इसको दर्शाते हुए संदेश दीवारों पर लिखवाये जायें। शालाओं में गंदे पानी के निस्तार की पक्की व्यवस्था की जाये। शाला परिसर में जल संरक्षण की व्यवस्था भी की जाये।
कलेक्टरों से कहा गया है कि प्रत्येक सरकारी स्कूल में हरियाली अभियान के अंतर्गत पौध-रोपण अवश्य करवाया जायें। जिला शिक्षा अधिकारियों को इन कार्यो की स्कूल शिक्षा विभाग के मैदानी अमले के साथ नियमित समीक्षा करने के लिए भी कहा गया है।
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