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104 विधायकों ने बनाई विकास यात्रा से दूरी

14 मंत्री और 44 नए विधायकों से नाराज़ संगठन, 104 विधायकों ने बनाई विकास यात्रा से दूरी

भोपाल : भाजपा प्रदेश संगठन ने विकास यात्रा की रिपोर्ट तैयार की है। संगठन के सामने विकास यात्रा के प्रति आधे से ज्यादा मंत्री-विधायकों की लापरवाही सामने आई है। संगठन के सामने जो जानकारी आई है उसमें 104 विधायकों ने विकास यात्रा निकालने में रुचि नहीं दिखाई, इनमें 14 मंत्री और पहली बार जीतने वाले 44 विधायक शामिल हैं। इन विधायकों पर संगठन ने नाराजगी जताई है।

विकास यात्रा निकालने में लापरवाही बरतने वाले इन विधायकों को संगठन नॉन परफॉर्मर मानते हुए टिकट भी काट सकता है। विकास यात्रा सभी विधानसभा सभा क्षेत्रों में 15 मई से 15 जून तक निकाली गई थी, इस यात्रा में सभी मंत्री,विधायकों को अनिवार्य रुप से शामिल होकर अपने विकास कार्य जनता को बताने के निर्देश जारी किए गए थे।
इस यात्रा को चुनाव के पहले का जनता से संपर्क का बड़ा कार्यक्रम माना गया था। – ऐसे लिया गया फीडबैक विकास यात्रा के बारे में फीडबैक प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत की टीम ने लिया। संगठन की तरफ से सभी विधानसभा क्षेत्रों में अलग-अलग जगह के कार्यकर्ताओं को अचानक फोन कर जानकारी ली गई,इसी आधार पर ये रिपोर्ट तैयार करवाई जा रही है। विधायकों से भी विकास यात्रा के संबंध में पूरी जानकारी बुलाई जा चुकी है लेकिन वास्तविकता जानने के लिए संगठन ने अपनी ओर से भी फीडबैक लिया है।
– इन क्षेत्रों के इतने विधायकों ने नहीं ली रुचि बुंदेलखंड – 16 महाकौशल – 18 ग्वालियर-चंबल – 13 मालवा-निमाड़ – 34 मध्यभारत – 13 विंध्य – 10 – विरोध वाले क्षेत्रों में तैनात किए पूर्णकालिक कार्यकर्ता विकास यात्रा के दौरान कुछ मंत्री-सांसदों का खुलेआम विरोध हुआ था, इस यात्रा के बाद भी सार्वजनिक कार्यक्रमों में विधायकों को विरोध का सामान करना पड़ा है। ये विरोध किसी पार्टी का नहीं बल्कि स्थानीय जनता का था जो अपने नेता से चुनाव के दौरान किए गए वादों का हिसाब मांग रही थी।
जिनका विरोध हुआ उनमें सांसद नंदकुमार सिंह चौहान, फग्गन सिंह कुलस्ते, अनूप मिश्रा, ज्ञान सिंह शामिल थे, जिन मंत्रियों ने विरोध का सामना किया उनमें ओमप्रकाश धुर्वे, बालकृष्ण पाटीदार और सुरेंद्र पटवा शामिल थे, विधायक ओमप्रकाश सकलेचा को तो जनता ने मंच से भाषण के दौरान ही भगा दिया। इस विरोध को भी संगठन ने गंभीरता से लिया है,विरोध वाले स्थानों पर भी इसके कारणों की पड़ताल की गई है। जिन क्षेत्रों में विरोध हुआ था वहां पर पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं को तैनात कर दिया गया है।
प्रबुद्धजन संपर्क अभियान में पीछे विधायक नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री के रुप में चार साल पूरे होने पर भाजपा ने पूरे देश में संपर्क फॉर समर्थन अभियान चलाया, हर जनप्रतिनिधि को उसके क्षेत्र में 25 प्रबुद्धजनों से उनके निवास पर जाकर मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनानी थीं और भाजपा का साहित्य देना था
इसकी तस्वीर केंद्रीय कार्यालय के पोर्टल पर पोस्ट करनी थी, राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी जबलपुर में बैठक के दौरान प्रबुद्धजनों से संपर्क किया था, लेकिन प्रदेश के अधिकांश जनप्रतिनिधियों ने इक्का-दुक्का लोगों से ही संपर्क कर काम पूरा कर लिया। इस पर भी अमित शाह की नजर है।
पार्टी संगठन चुनाव से जुड़े हर कार्यक्रम और यात्रा की समीक्षा कर रहा है, जिन जनप्रतिनिधियों ने इसमें रुचि नहीं दिखाई है उनके राजनीतिक भविष्य पर विचार किया जाएगा। – दीपक विजयवर्गीय मुख्य प्रवक्ता,भाजपा
– विधायक संगठन के हर काम को गंभीरता से लेते हैं, मेरे क्षेत्र में विकास यात्रा बहुत सफल रही है,संगठन की नजर हर काम पर रहती है। – प्रदीप लारिया विधायक,नरयावली-

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