Breaking News

फिर अटक गया संविलियन आदेश, अध्यापक कंफ्यूज, गुस्सा करे या इंतजार

 भोपाल सीएम शिवराज सिंह ने ऐलान किया था कि नए शिक्षासत्र में कोई अध्यापक नहीं होगा, सभी शिक्षक होंगे। माना जा रहा था कि अब सभी का शिक्षा विभाग में संविलियन कर दिया जाएगा परंतु बाद में पता चला कि एक नया संवर्ग बनाया जा रहा है जिसमें पदनाम शिक्षा विभाग के पदमानों से मिलते जुलते होंगे। इसे लेकर अफवाहों का दौर जारी था और अध्यापक सरकार की तरफ से आधिकारिक सूचनाओं का इंतजार कर रहे थे। इस बीच बताया गया कि 13 जुलाई को सीएम शिवराज सिंह संविलियन आदेश जारी करने वाले हैं। इसी दिन अध्यापकों की ओर से उनका सम्मान किया जाएगा परंतु ऐसा भी नहीं हुआ। 13 जुलाई सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक आदेश का इंतजार किया जाता रहा। 

अध्यापक कंफ्यूज, गुस्सा करे या इंतजार
अब मध्यप्रदेश के 2.83 हजार अध्यापक कंफ्यूज हैं। आदेश जारी नहीं हुए और सीएम शिवराज सिंह के बैक टू बैक चुनावी दौरे शुरू हो गए हैं। अब उम्मीद कम ही है कि कोई आदेश जारी होगा।  ऐसे में अध्यापक क्या करे। क्या उसे पहले की तरह शिवराज सिंह सरकार का खुला विरोध करना चाहिए। कोई धरना, रैली या हड़ताल या फिर अभी और इंतजार करना चाहिए। कम से कम विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने तक। यहां 2.83 हजार इसलिए क्योंकि शेष 1000 अध्यापक नेताओं को पता है कि उन्हे क्या करना है। वो कंफ्यूज नहीं हैं। 
पाटीदार जैसे जुझारू नेता की दरकार
दरअसल, अध्यापकों को मुरलीधर पाटीदार जैसे जुझारू नेता की दरकार है। यदि विधानसभा टिकट के लिए अध्यापकों के आंदोलन को निर्णायक मोड़ पर अचानक खत्म कर देने वाले घटनाक्रम को कुछ समय के लिए भूल जाया जाए तो पाटीदार ही एकमात्र वो नेता रहा है जिसने शिक्षाकर्मियों और संवि​दा शिक्षकों को ना केवल अध्यापक बनवाया बल्कि सरकार से अपनी शर्तों पर आदेश जारी करवाए और अध्यापक हितों का ध्यान रखा गया। इस रिक्त को भरने के लिए पैदा हुए आजाद अध्यापक संघ की हालत आम आदमी पार्टी जैसी हो गई है और अब तो राज्य अध्यापक संघ में भी वो बात नहीं रही। 

Check Also

MP News: कर्मचारियों को 3% डीए में बढ़ोतरी! 4 माह का एरियर भी देने की तैयारी, जल्द हो सकती है घोषणा

🔊 Listen to this मध्यप्रदेश सरकार अपने 7.5 लाख कर्मचारियों को बड़ी खुशखबरी देने जा …