मध्य प्रदेश में नाकारा अफसरों के दिन अब लदने जा रहे हैं. ऐसे कई अफसरों की सेवाएं भी समाप्त हो सकती है जो काम के प्रति लापरवाह हैं. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नाकारा अफसरों के लिए नया फैसला लिया है.
अफसरों पर कसेगी लगाम
राज्य में अफसरों के अच्छे दिन, बुरे दिनों में तब्दील होने वाले हैं. आपको बता दें कि यह किसी फिल्म की स्क्रिप्ट नहीं बल्कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कामचोर अफसरों की खबर लेने की ठानी है. कमलनाथ में सरकार के मुख्य सचिव को साफ निर्देश दिए हैं कि काम ना कर पाने वाले अफसरों की सूची तैयार की जाए. सीएम कमलनाथ में निर्देश दिए हैं कि काम कर पाने में अक्षम सरकारी अफसरों की 30 दिनों के भीतर समीक्षा की जाए.
हर विभाग में होगी कामचोर अधिकारियों की समीक्षा
मुख्यमंत्री कमलनाथ का कहना है कि ऐसे अफसरों की पहचान होने बाद जिन अफसरों ने 20 साल की सेवा ली हो या जिन्होंने 50 साल की उम्र पूरी कर ली है, उन पर नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं और कहा है कि सरकार के हर विभाग में ऐसे कामचोर अधिकारियों की समीक्षा की जाए. यही नहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सख्त निर्देश दिए हैं कि नाकारा अफसरों की सेवा भी समाप्त की जाए. जिससे यह संदेश जाए कि सरकारी कामकाज में भी अब ढील बरतना अफसरों को महंगा पड़ सकता है. फिलहाल यह लिस्ट आने में कुछ दिनों का वक्त लगेगा. पर इससे अफसरों की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रहीं है.
बता दें इसी तरह उत्तर प्रदेश के सीएम ने योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्ट और कामचोर अधिकारियों को जबरन रिटायर कराने की मुहिम शुरू की है. पिछले 2 वर्षों में योगी सरकार विभिन्न विभागों के 200 से ज्यादा अफसरों और कर्मचारियों को जबरन रिटायर कर चुकी है. इन दो वर्षों में योगी सरकार ने 400 से ज्यादा अफसरों, कर्मचारियों को निलंबन और डिमोशन जैसे दंड भी दिए हैं.