*शोषण का शिकार हो रहे हैं तेंदुपत्ता संग्राहकों की समस्या पर सहरिया क्रांति ने डीएफओ को ज्ञापन सोंपा ,*
*ठेकेदार को लाभ पहुँचाने नोडल अफसर नहीं सुन रहे मजदूरों की शिकायत*
शिवपुरी
आज पत्ता संग्रहण में लगे कोलारस के सुनाज क्षेत्र के मजदूर शिवपुरी जिला मुख्यालय पहुंचे जहां वन मंडलाधिकारी कार्यालय पर आकर अन्याय रोको , न्याय करो के नारे लगाते हुए कार्यालय में ज्ञापन की प्रति सोंपी .
आपको बता दें कि तपती दुपहरिया में सहरिया आदिवासी व अन्य मजदूर तबके के लोग सुबह से रोटी पानी लेकर जंगल की ओर निकल जाते हैं ,दिन भर वे पत्ता संग्रहित करते हैं । जब वे फड पर पहुंचते हैं तो वहीं से उनका शोषण शुरू हो जाता है । प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज संघ मर्यादित भोपाल के सख्त लिखित निर्देशों के बाद भी मजदूरों का शोषण रुकने का नाम नहीं ले रहा है । वे सरकारी नुमाइंदों और ठेकेदारों की शातिर चालों से बच नहीं पाते हैं । उन्हें शासन की मंशा के विपरीत पचोतरा देने को विवश होना पड़ रहा है ।
कोलारस अनुविभाग अंतर्गत आने वाले कई गांवों में तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए वन विभाग द्वारा फड़ बनाये गए हैं जिनमे कई जगह पत्ता संग्रह करने वाले मजदूरों को भर्ष्टाचार का शिकार होना पड़ रहा है ।
जिले भर तेंदूपत्ता संग्रहण का काम प्रारंभ हो गया है, सुबह से लेकर शाम तक लोग जंगलों में पहुंचकर तेंदूपत्ता तोड़ रहे हैं और उसे वन विभाग द्वारा निर्धारित की गई फड़ों पर लाकर जमा करवा रहे हैं। यह काम बारिश शुरु होने से पहले तक चलेगा। इस वर्ष तेंदूपत्ता का पारिश्रमिक 250 प्रति सैकड़ा के स्थान पर बढ़ाकर 300 प्रति सैकड़ा कर दिया गया है। वन मंडल अधिकारी ने तेंदू पत्ता संग्रहण को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। साथ ही संग्राहकों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने को भी कहा। लेकिन उनके निर्देशों पर कोलारस का वन अमला कार्य नहीं कर रहा है . सुनाज चक में पत्ता संग्राहको को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है । आज वन मंडल अधिकारी को सहरिया क्रांति के बैनर तले मजदूरों ने ज्ञापन सोंपा जिसमे बताया कि यहाँ कोलारस के सुनाज चक में तेंदुपत्ता संग्राहकों से पचोतरा बसूली खुलकर चल रही है 100 पत्तों की गड्डी के साथ 5 या 10 गड्डियां कई फड़ मुंशी व नोडल अधिकारी की मिलीभगत से ली जा रही हैं जब इनसे मजदूर वहस करते हैं तो वे बोलते हैं जाओ अपना पत्ता अपने घर ले जाओ हमे नहीं चाहिए . मजबूरी में उन्हें पचोतरा देना पड़ता है वहीं 50 पत्तों की गड्डी की जगह 60 पत्तों की गड्डियां ली जा रही हैं . मजदूरों का कहना है कि हम शिकायत नोडल अधिकारी से करते हैं पर जब वो ही शामिल है तो फिर क्या उम्मीद की जाये ।
*इनका कहना है*
सहरिया क्रांति संयोजक संजय बेचैन का कहना है कि कोलारस क्षेत्र में कई फड़ों पर आदिवासियों का शोषण का शिकार होना पड़ रहा है। उन्हें 100 गड्डी पर पचोतरा की 5 गड्डी ऊपर देना पड़ रही हैं साथ ही 50 पत्तों की जगह 60 पत्तों की गड्डी बनाने बाध्य किया जा रहा है। यह सरासर गलत है । सम्बंधित ठेकेदार व विभागीय लोगों पर दण्डात्मक कार्यवाही कर मज़दूरों को न्याय दिलाया जाए।
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