बैंगलुरू। अगर आप पासपोर्ट बनवाना चाहते हैं तो ये खबर आपके लिए बड़े काम की है, क्योंकि विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट बनाने के लिए जरूरी पुलिस वेरीफिकेशन की प्रक्रिया को और आसान कर दिया है।
अब आवेदक को 9 के बजाए केवल 6 सवालों के जवाब ही देने होंगे। उसमें भी आपराधिक मामलों से जुड़ी जानकारी पर ही जोर रहेगा। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर की मानें तो इस बदलाव को लेकर विदेश मंत्रालय ने राज्य पुलिस को दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं। मंत्रालय के निर्देश के बाद पुलिस को पासपोर्ट वेरीफिकेशन की बदली प्रक्रिया को शुक्रवार से लागू करना होगा।
विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव और चीफ पासपोर्ट ऑफिसर अरूण के चटर्जी ने कर्नाटक की डीजी नीलामणि एन राजू को एक चिठ्ठी भेजकर इन बदलावों को लागू करने को कहा है। वेरीफिकेशन की नई व्यवस्था के तहत अब पुलिस 15 साल से ऊपर के लोगों की ही जांच करेगी कि उन पर कोई आपराधिक मामला तो दर्ज नहीं है।
बैंगलुरू के रीजनल पासपोर्ट अधिकारी भारत कुमार ने कहा कि, “पुलिस वेरीफिकेशन प्रक्रिया में सवाल कम करने के अलावा, आवेदन फॉर्म में से गवाहों की जानकारी का कॉलम भी हटा दिया गया है। पहले आवेदक को अपने पड़ोस में रहने वाले दो लोगों का नाम लिखना होता था। मगर अब इसे हटा दिया गया है। अब आवेदक का वेरीफिकेशन जो दस्तावेज मुहैया कराए गए हैं और पुलिस की जांच के आधार पर होगा।”
दरअसल कुछ वक्त पहले पासपोर्ट के लिए दो महीने के नवजात के पुलिस वेरीफिकेशन की खबर सुर्खियां बनी थी। इसकी जानकारी मिलते ही विदेश मंत्री सुषमा स्वराज हरकत में आई और इस नवजात का पासपोर्ट एक दिन में जारी हो गया। बाद में रीजनल पासपोर्ट ऑफिस ने अपने कर्मचारियों से इसे लेकर सफाई भी मांगी थी।
नवजात की मां अक्षता जोकि एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है, उसने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से गुहार लगाई थी कि, पुलिस ने उन्हें दो पड़ोसियों के नाम, पते और हस्ताक्षर के अलावा घर के बाहर खड़ा करके खींची गई नवजात की तस्वीर मांगी थी।
रीजनल पासपोर्ट ऑफिसर भारत कुमार ने बताया कि, “बच्चों के मामले में पुलिस वेरीफिकेशन की कोई जरूरत नहीं है। अगर उनके माता-पिता के पास पहले से ही पासपोर्ट है।”
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