Published by: Akshay purohit
Feb 07, 2024
भोपाल : बुधवार, फरवरी 2024
दस्तक अभियान का द्वितीय चरण 28 फरवरी 2024 तक चलेगा। 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों में प्रमुख बाल्यकालीन बीमारियों की समुदाय स्तर पर पहचान करके उपचार एवं प्रबंधन का कार्य किया जाएगा, जिससे बाल मृत्यु दर में अपेक्षित कमी लाई जा सके। इस अभियान के तहत एएनएम, आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के दल द्वारा 5 साल तक के बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी घर-घर जाकर ली जा रही है। सभी परिजनों से आग्रह है कि वे दस्तक दल को बच्चों के स्वास्थ्य की पूरी जानकारी उपलब्ध करवाएं और बीमारियों के लक्षण दिखने पर शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में नि:शुल्क उपचार भी करवाएं।
दस्तक अभियान में निजी क्षेत्रों के चिकित्सकों की भी सहभागिता हो रही है, जिससे प्राइवेट नर्सिंग होम या क्लिनिक्स में आने वाले बच्चों को भी दस्तक अभियान के तहत स्वास्थ्य सेवाएं दी जा सकें। अभियान अंतर्गत बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़ी हुई 12 प्रकार की विभिन्न सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। अभियान में बीमार नवजात बच्चों की पहचान, निमोनिया एवं गंभीर कुपोषित बच्चों की पहचान एवं रेफरल एवं प्रबंधन, 6 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों में डिजिटल हिमोग्लोबीनोमीटर द्वारा एनीमिया की स्क्रीनिंग एवं प्रबंधन, दस्त रोग की पहचान एवं ओआरएस एवं जिंक के उपयोग के संबंध में जागरूकता, 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए की खुराक का सेवन, जन्मजात विकृतियों एवं विकासात्मक देरी की पहचान, दृष्टि दोष एवं श्रवण बाधित बच्चों की पहचान एवं उपचार, शिशु एवं बाल्यकालीन आहार की समझाइश, एसएनसीयू एवं एनआरसी से डिस्चार्ज बच्चों में बीमारी की स्क्रीनिंग एवं फॉलोअप, आंशिक रूप से टीकाकृत अथवा टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों का टीकाकरण किया जा रहा है।
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