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हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से पूछा, किस नियम के तहत अवैध कॉलोनियों को कर रहे हैँ वैध, 15 दिन में मांगा जवाब

ग्वालियर. हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने प्रदेश सरकार और शासन को नोटिस जारी कर इस बात की जानकारी मांगी है कि किस कानून के तहत अवैध कॉलोनियों को वैध किया जा रहा है। बता दें कि मंगलवार को ही सीएम शिवराज सिंह ने ग्वालियर में हुए कार्यक्रम में अवैध कालोनियों को वैध करने की घोषणा की थी। साथ ही उन्होंने 63 कालोनियों को वैध करने का प्रमाणपत्र भी जारी किया था। 

 

-ग्वालियर बेंच ने जवाब देने के लिए प्रदेश सरकार और शासन को 15 दिनों का वक्त दिया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि अवैध कालोनियां को बसाने वालों के खिलाफ सरकार ने क्या कार्रवाई की है? इस मामले में याचिकाकर्ता का कहना है कि अवैध कॉलोनियों को वैध करना नियमों के विरुद्ध है और इस नियम का फायदा भूमाफिया उठाएंगे।

 

सीएम ने कहा था, अवैध शब्द गाली जैसा 
-मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को मेला ग्राउंड में आयोजित अवैध कॉलोनियों के नियमितिकरण कार्यक्रम में कहा था कि अवैध शब्द गाली जैसा है। ये मुझे चुभता है। किसी गरीब व्यक्ति ने अपनी पूंजी से प्लॉट खरीद लिया और उसे कांग्रेस की पिछली सरकारें अवैध घोषित कर गईं। लेकिन प्रदेश में अब कोई कॉलोनी अवैध नहीं रहेगी। 

 

63 कॉलोनियों को वैध किए जाने का जारी किया प्रमाण पत्र 
-इस कार्यक्रम में ग्वालियर की 63 कॉलोनियों को वैध किए जाने का प्रमाण पत्र जारी किए गए। शहर में कुल 690 अवैध कॉलोनियां हैं। चौहान ने कहा कि गरीबों को मकान, जमीन और रोजगार के लिए हम संपन्न लोगों से अधिक टैक्स लेकर गरीबों को दे रहे हैं, यही गरीबी हटाने का सबसे सही तरीका है। 

 

प्रदेश में अवैध कालोनियों की स्थिति 
-5197 अवैध कालोनियां हैं। 
-4759 वैध किए जाने योग्य कालोनियों की संख्या। 
-237950 परिवार वैध किए जाने योग्य कालोनियों में। 

16 साल में भोपाल में दोगुनी हो गई संख्या 
-चुनावी साल में सरकार के लिए ये मुद्दा खास लगता है, इसलिए 26 मार्च को भोपाल में अवैध कालोनियों को वैध करने की कार्यशाला में साफ तौर पर घोषणा करके कहा कि प्रदेश की 5 हजार कालोनियां वैध की जाएंगी।  

-1998 में अवैध कालोनियों को वैध करने का नियम बनाया गया, लेकिन 4 साल तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। फिर 2002 में अवैध कालोनियों का सर्वे किया गया। तब से लेकर अब तक अवैध कालोनियों की संख्या दोगुनी हो गई। 
-ऐसी कई कालोनियां हैं, जिनका नाम वैध और अवैध दोनों की सूची में है। 2013 में हुए सर्वे में 116 और कालोनियों के अवैध होने की जानकारी निगम को मिली थी। 

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