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केंद्रीय गृह मंत्री ने सीएम को लिखा पत्र.. औऱ लिख दिया यह सब कुछ.. देखें!

भोपाल। प्रदेश में अब नाबालिग से दुष्कर्म पर फांसी का कानून सख्ती से लागू होगा। केंद्रीय गृह मंत्री रादनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान  को पत्र लिखकर तीन महीने के भीतर मिशन मोड में काम करके सुनवाई के लिए फास्ट टै्रक कोर्ट गठित करने के लिए कहा है। साथ ही दुष्कर्म के प्रकरणों की जांच दो महीने में और निपटारे के लिए छह महीने की सीमा तय की है। मंत्री ने लिखा है कि फास्ट ट्रैक कोर्ट के लिए पदों, मेनपॉवर, इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य संसाधन जुटाएं। साथ ही दुष्कर्म व सामूहिक दुष्कर्म के प्रकरणों में जांच के लिए स्पेशल फारेंसिक किट्स और जमीनी स्तर तक फारेंसिक लैब और अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कहा है। सरकार इस मामले में अगले हफ्ते बैठक कर सकती है।

सबसे पहले मध्यप्रदेश ने बनाया कानून
देश में सबसे पहले मध्यप्रदेश ने नाबालिग से दुष्कर्म पर फांसी की सजा का कानून तैयार किया था। इसमें 12 साल से कम उम्र की बालिका से दुष्कर्म पर फांसी की सजा प्रस्तावित की गई। कैबिनेट और फिर विधानसभा से इसे पारित कराकर राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा गया था।
प्रदेश में ऐसे हाल
-4882 दुष्कर्म वर्ष-2016 में
-2479 दुष्कर्म नाबालिग से
-4375 दुष्कर्म वर्ष-2017 में
-2903 दुष्कर्म नाबालिगों से
जमानत तक नहीं
राजनाथ सिंह ने कानून में संशोधन का हवाला देकर लिखा है कि 16 साल से कम उम्र की बालिका से दुष्कर्म व सामूहिक दुष्कर्म के मामले में जमानत का प्रावधान नहीं है। सजा 10 साल की गई है। वहीं, 16 साल से कम उम्र की नाबालिग से दुष्कर्म पर 20 साल सजा या उम्रकैद का प्रावधान है। सामूहिक दुष्कर्म पर आजीवन कारावास की सजा है।
12 साल से कम उम्र की बालिका से दुष्कर्म पर 20 साल कैद, आजीवन कारावास या फांसी की सजा है। रेप प्रकरणों में 15 दिन पहले लोक अभियोजक को नोटिस देना अनिवार्य होगा। प्रकरण में पीडि़त के अधिकृत व्यक्ति का उपस्थित रहना भी अनिवार्य होगा।

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