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पिछोर की जनपद पंचायत में सरपंच और सचिव की बड़ी साठगांठ, खुद की फर्म बनाकर किया करोड़ों का घोटाला!

शिवपुरी जिले के पिछोर तहसील के ग्राम पंचायत पिपरो में करोड़ों रुपये के घोटाले का मामला सामने आया है। आरोप है कि यहां के सरपंच और सचिव ने मिलकर अपनी खुद की फर्म बनाकर सरकारी धन का दुरुपयोग किया है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सरपंच और सचिव ने फर्जी बिलों के माध्यम से सरकारी धन को अपने खातों में ट्रांसफर किया है। जिन फर्मों के खातों में पैसे भेजे गए, उनका न तो कोई वास्तविकता से संबंध है और न ही उन पर कोई काम हुआ है। पंचायत में सीसी सड़कों (घटिया निर्माण) , स्कूल भवनों (घटिया निर्माण) लाखों के भुगतान माई की बगिया गायप, और पुलियों के नाम पर भुगतान किया गया है, जो जमीनी हकीकत में कहीं भी नजर नहीं आते, इनके अलावा खेत तालाब कुआं शौचालय, की राशि को अपने करीबियों के खातों में डलवाया गया।

सामुदायिक शौचालय के निर्माण के नाम पर भी सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है। आरोप है कि सरपंच और सचिव ने कोटा स्टोन का उपयोग कर भुगतान कर दिया, जबकि धरातल पर उसका कोई अस्तित्व नहीं है। ग्राम पंचायत में बोरवेल की मोटरों के लिए भी फर्जी बिल लगाकर पैसे का भुगतान किया गया, जबकि सचाई यह है कि बोरवेल पर मोटर ही नहीं डाली गई और यह बोरवेल धरातल पर नजर नहीं आता, सभी जगह हेड पंप लगे हुए हैं।

इस बात की गंभीरता को देखते हुए, इस घोटाले का पर्दाफाश करना बेहद जरूरी है, ताकि सरकारी धन के दुरुपयोग की जांच की जा सके और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। पिछोर जनपद पंचायत के सीईओ रामपाल बघेल ने भी मामले की जांच की बात कही है और आश्वासन दिया है कि यदि मामले को संज्ञान में लिया जाता है, तो उचित कार्रवाई की जाएगी। निश्चित तौर पर आप कुछ ही दिन में रिएक्शन देख लेंगे।

मोगराज मीणा

इस संबंध में पिछोर जनपद पंचायत के इंचार्ज रहे सीईओ से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि अगर आप मामले को संज्ञान में लेकर आए हैं तो मामले की जांच की जाएगी, मुझे उम्मीद है कि इस पंचायत में जिस तरह आप बता रहे हैं घोटाला हुआ है तो स्वाभाविक तौर पर मुझे उम्मीद है कि वहां से वसूली निकलेगी।

समुदाय की भलाई के लिए खर्च किया जाने वाला यह धन अगर इस तरह की धांधली का शिकार होता है, तो यह न केवल सरकारी तंत्र की भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है, बल्कि आम जनता के हितों को भी गंभीर नुकसान पहुंचाता है।

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