शिवपुरी, 20 जून 2019/ कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्रीमती अनुग्रहा पी ने मध्यप्रदेश आपत्तिजनक हैजा, विनिमय 1983 के नियम 3 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिले में जलजनित रोगों एवं संक्रामक रोगों (हैजा, आंत्रशोध, पेचिस, पीलिया, मस्तिष्क ज्वर) के फैलाव की संभावना तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा की दृष्टि को ध्यान में रखते हुए शिवपुरी जिले के संपूर्ण क्षेत्र को अधिसूचित क्षेत्र घोषित किया गया है।
जिला दण्डाधिकारी श्रीमती अनुग्रहा पी द्वारा जारी आदेश में उल्लेख किया है कि अधिसूचित क्षेत्र में सार्वजनिक स्थानों, बाजारों, उपहार गृहों, भोजनालय, होटलों, जनता के लिए खाद्य एवं पेय पदार्थ निर्माण करने या उनके प्रयोग करने के लिए कायम रखी गई स्थापना में विक्रय या निमूल्य वितरण हेतु उपयोग में लाए गए स्थानों पर बासी मिठाईयां तथा नमकीन, फल, सब्जियां, दूषित खाद्य पदार्थों की बिक्री प्रतिनिषिद्ध रहेगी। मिठाईयां तथा नमकीन वस्तुएं सड़े-गले फल, सब्जियों, दूध, दही, उबली हुई चाय, काफी, अण्डे, आईसक्रीम, बर्फ के लड्डू, चूसने वाले पेय पदार्थ, बिक्री हेतु खुले नहीं रखे जाएगें। उन्हें जालीदार ठक्कनों अथवा कांच के बंद शोकेस में अथवा पारदर्शी आवरण से ढककर इस प्रकार रखा जाएगा कि वे मक्खी, मच्छर आदि कीटों या दूषित हवा से मानव उपयोग के लिए दूषित अस्वास्थ्य कारक या अनुपयोगी न हो सके।
इसी प्रकार नालियों, गटर, पानी के गड्डे, मलकुण्ड, कुडा-करकट आदि गंदगी को स्वच्छ रखा जाए तथा रोगाणुनाशक पदार्थ से सफाई नियमित की जाए। मक्खियों, मच्छर पैदा करने वाले स्थान को स्वच्छ रखा जाए। जिससे खाद्य पदार्थ को दूषित होने से बचाया जा सके। नगर पालिका क्षेत्र में जल प्रदाय टंकी की समय-समय पर सफाई तथा उचित मात्रा में क्लोरिन जल शुद्धिकरण के लिए काम में लाए जाए। खाद सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 की धारा 26(2)(4) के उल्लंघन पर उक्त अधिनियम के तहत 1 लाख रूपए के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। अधिसूचित क्षेत्र में कार्यवाही हेतु अधिकारी भी प्राधिकृत किए गए है। यह आदेश तत्काल प्रभावशील होकर लागू होगा।
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