सपा बसपा गठबंधन पर मायावती ने कहा कि यह कोई हमेशा के लिए ब्रेक नहीं है। अगर हमें लगा कि भविष्य में सपा अध्यक्ष अपने राजनैतिक काम में सफल होते हैं तो फिर हम फिर से साथ मिलकर काम करेंगे। लेकिन अगर नहीं होते हैं तो फिर हमारा अकेले ही काम करना बेहतर होगा। ऐसे में हमने तय किया है कि हम उपचुनाव अकेले लड़ेंगे।
वहीं, इससे पहले मायावती ने सोमवार को यूपी में जिला संगठन को छोड़कर सभी कमेटियों को भंग कर दिया। साथ ही जिला प्रभारी और विधानसभा प्रभारी के पद भी समाप्त कर दिए गए हैं। इसके स्थान पर पुरानी व्यवस्था को बहाल करते हुए प्रदेश को चार सेक्टरों में बाटा गया है। मंडल के साथ जोन की व्यवस्था फिर से बाहल कर दी गई है। बसपा सुप्रीमो ने लोकसभा चुनाव को देखते हुए जोनवार प्रभारी बनाए थे। इसके साथ ही जिले के साथ विधानसभा प्रभारी भी बनाए गए थे। मायावती ने सोमवार को दिल्ली में हुई बैठक में जिला संगठन को छोड़कर सभी कमेटियां भंग कर दिया। कहा कि जोन इंचार्ज की अब कोई जरूरत नहीं है। इसलिए पुरानी व्यवस्था को फिर से बहाल किया जा रहा है। उन्होंने पुरानी व्यवस्था को बहाल करते हुए प्रदेश को चार सेक्टरों में बांटा है। इसमें तीन हिस्सों में पांच-पांच मंडल और एक में तीन मंडल को रखा गया है। इसके साथ ही संगठन को मजबूत करने के लिए नेताओं की जिम्मेदारी भी बांट दी गई है।
अखिलेश-डिंपल से रिश्ता खत्म नहीं, लेकिन अकेले लड़ेंगे उपचुनाव: मायावती
सपा-बसपा गठबंधन (SP-BSP Alliance) को लेकर मायावती (Mayawati) ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया। मायावती ने सपा से गठबंधन के बारे कहा कि हमारे अखिलेश और डिंपल से रिश्ते बने रहेंगे। मायावती ने कहा कि चुनाव में ईवीएम की भूमिका सही नहीं रही।
मायावती ने कहा कि लोकसभा चुनाव में महागठबंधन में यादव वोट बसपा को शिफ्ट नहीं हुए। मायावती ने कहा कि अभी वर्तमान स्थिति में हम उत्तर प्रदेश में कुछ सीटों पर होने वाले उपचुनाव अकेले लड़ेंगे।