पूनम पुरोहित
कल्याणपुर में रोज लाखों के और चंद माह में करोड़ों के बारे न्यारे हो गए। जब कल्याणपुर की कलई खुली तो उसे संरक्षण देने के लिए और मीडिया द्वारा बताए गए तथ्यों को नकारने के लिए एक नहीं कई जिम्मेदार विभाग के प्रमुख दम से सामने आ गए। जी हां! खनिज विभाग, वन विभाग और राजस्व के आला अधिकारियों ने विना लाग लपेट के अपनी दी गई प्रतिक्रियाओं में कहा कि कल्याणपुर रेत खदान पर सबकुछ लीगल हैं। खदान पंचायत चला रही है वहां कोई भी गलत गतिविधि की जानकारी नहीं है आला स्तर से भी जांचें कराई गई और नतीजा निल (शून्य)से अधिक कुछ नहीं निकला। आज मैं प्रशासन के साथ खड़े होकर दो टूक कह रहा हूं कि कल्याणपुर की खदान लीगल है तो बंद क्यों करी? क्यों खनिज विभाग ने कल्याणपुर की रॉयल्टी 1 अप्रैल से नहीं कटने दी। क्यों कल्याणपुर के सरपंच सचिवों ने (पंचायत चला रही है न) नदी से मशीनें बाहर निकाली? क्यों…. क्यों… क्यों… ऐसे कई यक्ष प्रश्नों का जवाब देने के लिए जिला प्रशासन में किसी युद्धिष्टर की तलाश हैं अगर कोई किसी स्तर पर हैं तो कृपया उत्तर अवश्य दें अन्यथा यह माना जाएगा कि भ्रष्ट व्यवस्था को धृतराष्ट चला रहे हैं और ऐसा लिखने के लिए मुझे इन्होंने ही प्रेरित किया हैं।
कल्याणपुर की लीगल खदान बंद क्यों?
कल्याणपुर की लीगल खदान बंद क्यों?