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म.प्र सरकार के सहयोगी लोकसभा चुनाव में टिकट पर अड़े


लोकसभा चुनाव2019: खंडवा से निर्दलीय विधायक के अलावा जयस के नेता भी टिकट की मांग कर रहे हैं।
भोपाल। कमलनाथ सरकार को समर्थन दे रहे बुरहानपुर के निर्दलीय विधायक ठाकुर सुरेंद्र सिंह राणा शेरा भैया हो या जय युवा आदिवासी शक्ति (जयस) नेता व कांग्रेस विधायक डॉ. हीरा अलावा, लोकसभा चुनाव में टिकट को लेकर अड़े हैं। ये लोग अपनी ताकत बताकर तीन सीटों की मांग कर रहे हैं, जिससे कांग्रेस का चुनावी गणित गड़बड़ा सकता है। अगर इन्हें टिकट नहीं मिला तो इन लोगों ने अपने प्रत्याशी उतारने की चेतावनी भी दे रखी है। वहीं, बहुजन समाज पार्टी की विधायक रामबाई अपने पति के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज होने के बाद घिर गई हैं और लोकसभा चुनाव में इसका दमोह सीट पर विपरीत असर पड़ सकता है।
निमाड़ की खंडवा सामान्य लोकसभा सीट पर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव का पैनल में नाम है, लेकिन उनके घोर विरोधी निर्दलीय विधायक ठाकुर सुरेंद्र सिंह शेरा भैया कांग्रेस से पत्नी के लिए टिकट मांग रहे हैं। ठाकुर सुरेंद्र सिंह का दावा है कि उन्होंने कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया, पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को पत्नी को टिकट देने की मांग पेश की है। स्थानीय प्रत्याशी को आधार बनाया है। उनके परिवार से दो लोग पहले भी चुनाव लड़ चुके हैं।

यादव को टिकट दिए जाने की स्थिति में उन्होंने चेतावनी दी कि फिर उनकी पत्नी को वे निर्दलीय चुनाव लड़ाएंगे। गौरतलब है कि ठाकुर सुरेंद्र सिंह कमलनाथ सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे हैं।
जयस नेता करेंगे प्रचार
जयस के नेता और कांग्रेस विधायक डॉ. हीरा अलावा अपने संगठन के लिए चार लोकसभा क्षेत्रों धार, खरगोन, रतलाम-झाबुआ और बैतूल के लिए टिकट मांग रहे थे, लेकिन कांग्रेस ने उनके प्रस्ताव पर जवाब नहीं दिया। पहली सूची में बैतूल और रतलाम-झाबुआ सीटों के प्रत्याशियों का एलान कर दिया। डॉ. अलावा धार और खरगोन सीटों के प्रत्याशियों के एलान की प्रतीक्षा कर रहे हैं। डॉ. अलावा ने जयस को सीटें नहीं मिलने पर चेतावनी दी है कि फिर संगठन चारों सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगा और वे उनके समर्थन में प्रचार करेंगे।
बसपा विधायक का दबाव
दमोह लोकसभा सीट में आने वाली पथरिया विधानसभा से बसपा विधायक रामबाई विस चुनाव के बाद से ही कमलनाथ सरकार पर दबाव बना रही थीं। अब तक हुए दो विधानसभा सत्रों में उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ और मंत्रियों पर दबाव बनाया। सरकार को बसपा, सपा और निर्दलीय विधायकों का सहयोग होने से अभी तक उस पर संकट नहीं आया है। हाल ही में एक कांग्रेस नेता की हत्या के मामले में उनके पति व परिजनों के आरोपी बनाए जाने के बाद वे और विचलित हुई हैं। हालांकि अभी तक इस मामले में उन्होंने खुलकर कुछ नहीं कहा है, लेकिन माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ वे प्रचार करेंगी।
पत्नी को तो उतारेंगे

हम पुराने कांग्रेसी हैं। कमलनाथ सरकार को समर्थन दे रहे हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने पत्नी को टिकट नहीं दिया तो विधानसभा की तरह निर्दलीय चुनाव लड़ाएंगे।
– ठाकुर सुरेंद्र सिंह, निर्दलीय विधायक
निर्दलीय लड़ाएंगे
जयस प्रत्याशियों को कांग्रेस ने धार और खरगोन सीटों पर टिकट नहीं दिया तो संगठन निर्दलीय चुनाव लड़ेगा। वे जयस के प्रत्याशियों का प्रचार भी करेंगे।
– डॉ. हीरा अलावा, कांग्रेस विधायक

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