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भाजपा में भोपाल, इंदौर और ग्वालियर सीट पर पेंच, मजबूत चेहरों की तलाश

   

टिकटों पर मशक्कत: दिल्ली में हुआ मंथन, नहीं हो सका निर्णय

भोपाल. प्रदेश में भाजपा की 14 संसदीय सीटों के उम्मीदवारों पर हो रहे मंथन में भोपाल, इंदौर और ग्वालियर पर पेंच फंस गया है। भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में सोमवार को इन सीटों को लेकर लम्बी चर्चा चली, लेकिन कोई निर्णय नहीं लिया जा सका। 
केन्द्रीय नेतृत्व ने महासचिव अनिल जैन को प्रदेश के नेताओं के साथ बैठक कर इन सीटों पर सहमति बनाने को कहा है। अब एक-दो दिन में प्रदेश की सीटों पर फैसला हो सकता है। बैठक के पहले अमित शाह और अनिल जैन ने प्रदेश के नेताओं से मंत्रणा की थी। बैठक में शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, विनय सहस्त्रबुद्धे और सुहास भगत मौजूद रहे।
कांग्रेस के बड़े नामों से चिंता बढ़ी
कां ग्रेस से दिग्विजय सिंह का नाम आने के बाद भोपाल भाजपा के लिए अहम हो गई है। भाजपा यहां राष्ट्रवाद का मुद्दा बनाकर पूरे प्रदेश में भुनाना चाहती है। इस वजह से किसी बड़े हिन्दू चेहरे को मैदान में उतारा जाना है। इंदौर से सुमित्रा महाजन की जगह किसी कद्दावर नेता का चयन चुनौती है। ग्वालियर से ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शिनी का नाम चर्चा में आने के बाद भाजपा चिंतित है। तीनों सीटें भाजपा की मानी जाती हैं। पार्टी इन सीटों पर जल्दबाजी में निर्णय नहीं करना चाहती है।
इसलिए फंसा है इन सीटों पर पेंच
भोपाल शिवराज सिंह चौहान का नाम आगे है, लेकिन वीडी शर्मा का नाम केन्द्रीय नेताओं ने आगे बढ़ाया है। वहीं, संघ की पसंद हार्डकोर हिन्दूवादी नेता प्रज्ञा ठाकुर बताई जा रही हैं।
इंदौर सुमित्रा महाजन को टिकट देती है तो 75 साल के फॉर्मूले पर बाहर किए गए नेताओं की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है। विकल्प में विधायक मालिनी गौड़ का नाम आगे है।
ग्वालियर कांग्रेस उम्मीदवार का इंतजार है। मुरैना से टिकट कटने पर अनूप मिश्रा ने ग्वालियर से दावेदारी की है। माया सिंह, विवेक शेजवलकर और यशोधरा राजे दावेदार हैं।
सिंधिया ने पूछा-हार में मेरा क्या कसूर
शिवपुरी. सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का सोमवार को पोलिंग एजेंटों की बैठक में दर्द छलक उठा। उन्होंने कार्यकर्ताओं से पूछा, विधानसभा चुनाव में गुना और शिवपुरी हारने में मेरा क्या कसूर है। जहां ज्यादा काम किया, वहीं हार मिली। क्या कमी रह गई, जिसे दूर कर सकूं। छिंदवाड़ा में सीएम कमलनाथ ने कहा, जैसे दिग्विजय को भोपाल से उतारा, वैसे ही मुश्किल सीटों पर दूसरे वरिष्ठ नेताओं को आजमाया जा सकता है। मंत्री जयवद्र्धन ने कहा, दिग्विजय सिंह और कमलनाथ दो जिस्म और एक जान हैं। दिग्विजय मंगलवार को भोपाल आ रहे हैं।

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