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दिग्विजय के खिलाफ साध्वी प्रज्ञा हो सकती हैं उम्मीदवार, संघ की रणनीति में फंस सकती है कांग्रेस

दिग्विजय के खिलाफ साध्वी प्रज्ञा हो सकती हैं उम्मीदवार, संघ की रणनीति में फंस सकती है कांग्रेस

भोपाल. मध्यप्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट अब देश की हॉट सीटों में शामिल हो गई है। कांग्रेस ने यहां से मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को उम्मीदवार घोषित किया है। तो दूसरी तरफ साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने भी दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। उन्होंने कहा कि अगर संगठन कहे तो मैं दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने को तैयार हूं। उन्होंने कहा, ‘मैं दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने को तैयार हूं। उन्होंने कहा कि संगठन तय करेगा तो मैं दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने तैयार हूं। क्योंकि देश का दुश्मन मेरा दुश्मन है। उन्होंने कहा कि मैं दिग्विजय सिंह को अपना दुश्मन मानती हूं।’

दिलचस्प होगा मुकाबला
अगर वह बीजेपी के टिकट पर भोपाल से चुनाव लड़ती हैं तो मुकाबला और भी दिलचस्प हो जाएगा। सूत्रों का कहना है कि अब भोपाल लोकसभा सीट पर फैसला भाजपा और वरिष्ठ नेताओं की सहमति से नहीं बल्कि संघ (आरएसएस) की सहमति से होगा। दिग्विजय सिंह लगातार संघ के खिलाफ बोलते रहे हैं और संघ को उन्होंने आंतकी संगठन तक कहा था। ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा यहां पर टिकट संघ की सहमति या संघ से जुड़े ही किसी व्यक्ति को उम्मीदवार बना सकती है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि इस बार भोपाल में मुकाबला भाजपा और कांग्रेस को नहीं बल्कि संघ और दिग्विजय सिंह का होगा।
 
संघ की क्या रणनीति
सूत्रों का कहना ह कि संघ अगर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को उम्मीदवार बनाता है तो देश में सीधा संदेश देना चाहेगा कि आंतकवाद का समर्थन करने वाले किसी भी नेता को देश स्वीकार नहीं कर सकता है। दूसरी तरफ संघ साध्वी को दिग्विजय के मुकाबले में ला कर ये बताना चाहेगा कि जिसे दिग्विजय सिंह ने भगवा आंतकी करार दिया था आज वह कोर्ट से बरी होकर दिग्विजय के खिलाफ चुनाव मैदान में है।

एक दूसरे के धुर विरोधी 
साध्वी प्रज्ञा और दिग्विजय सिंह को एक दूसरे का धुर विरोधी माना जाता है। दिग्विजय सिंह ने यूपीए सरकार के दौर में ‘भगवा आतंकवाद’ के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। इतना ही नहीं, दिग्विजय ने तो मुंबई के 26/11 हमले को ‘आरएसएस की साजिश’ बताने वाली एक किताब का विमोचन तक किया था। जबकि मुंबई हमले को पाकिस्तानी आतंकियों ने अंजाम दिया। यही वजह है कि साध्वी प्रज्ञा चुनावी बिसात पर दिग्विजय सिंह को चुनौती देना चाहती हैं। मालेगांव विस्फोट में भी दिग्विजय सिंह हिन्दू आतंकवाद को लेकर टिप्पणी कर चुके हैं। ऐसे में संघ दिग्विजय सिंह के खिलाफ साध्वी प्रज्ञा को उतारकर दिग्विजय सिंह की राह में मुश्किलें खड़ी करेगा क्योंकि जिस साध्वी के खिलाफ दिग्विजय सिंह ने लगातार हमले बोले थे कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया है।
कौन हैं प्रज्ञा ठाकुर
महाराष्ट्र के मालेगांव बम ब्लास्ट केस में आरोपी बनाए जाने के बाद सुर्खियों में आईं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने प्रयागराज कुंभ मेले में एक नए अखाड़े की स्थापना की है। साध्वी प्रज्ञा को मालेगांव ब्लास्ट केस के आरोपों से बरी होने के बाद रिहा कर दिया गया था। उत्तर महाराष्ट्र के मालेगांव में 29 सितम्बर 2008 को एक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकल पर बंधी विस्फोटक सामग्री में विस्फोट होने से 7 व्यक्तियों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे। इस मामले के आरोपियों में कर्नल पुरोहित, प्रज्ञा सिंह ठाकुर समेत कई को आरोपी बनाया गया था। साध्वी प्रज्ञा ने आरोप लगाया कि तत्कालीन गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने ‘हिंदू आतंकवाद’ का जुमला गढ़ा और इस नैरेटिव को सेट करने के लिए उन्हें झूठे केस में फंसाया गया। साध्वी प्रज्ञा 2007 के आरएसएस प्रचारक सुनील जोशी हत्याकांड में भी आरोपी थीं, लेकिन कोर्ट ने उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया। वह आरएसएस की छात्र इकाई एबीवीपी की सक्रिय सदस्य भी रह चुकी हैं।
 
मध्यप्रदेश से कनेक्शन
साध्वी प्रज्ञा का जन्म मध्य प्रदेश के भिंड जिले के कछवाहा गांव में हुआ था। भोपाल में आरएसएस और ABVP से जुड़ी रही हैं. पिछले कुछ सालों से भोपाल में ही इलाज भी हुआ था।
भोपाल का जातिगत समीकरण
मुस्लिम- 4.5 लाख
ओबीसी- 4 लाख
ब्राह्मण- 3.75 लाख
क्षत्रिय- 1.20 लाख
एससी-एसटी- 1.90 लाख

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