कई सीटों पर जिलाध्यक्ष और स्थानीय नेता तक सांसदों के खिलाफ…
भोपाल। विधानसभा चुनावों में कांग्रेस से कमजोर पड़ने के बाद अब भाजपा लोकसभा चुनाव में गलती नहीं दोहराएगी। बताया जाता है कि मप्र में लोकसभा चुनाव प्रभारी स्वतंत्र देव सिंह की ओर से पिछले हफ्ते हाईकमान को मौजूदा सांसदों से जुड़ी भेजी गई रिपोर्ट ने भाजपा में हडकंप मचा दिया है।
जिसके बाद अब पार्टी ने खराब परफॉर्मेस, क्षेत्रीय और जातिगत समीकरणों के आधार पर लगभग एक दर्जन सीटों पर मौजूदा सांसदों के टिकट काटने, सीट बदलने की तैयारी कर ली है।
भले ही अभी इन सीटों पर नए चेहरों को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है। लेकिन चर्चा है कि पार्टी अभी स्थानीय नेताओं से फीडबैक लेकर दावेदारों की सूची तैयार कर रही है। जिसे हाईकमान के पास भेजा जाएगा। इसके बाद टिकट चयन होगा।
दरअसल मप्र में लोकसभा चुनाव प्रभारी स्वतंत्र देव सिंह ने पिछले हफ्ते हाईकमान को भेजी मौजूदा सांसदों से जुड़ी रिपोर्ट में करीब एक दर्जन सीटों पर चेहरा बदलने की सिफारिश की। लेकिन उन्होंने रिपोर्ट में संभावित दावेदारों के नाम नहीं भेजे।
इसमें हाईकमान की ओर से कहा गया है कि जिन सीटों पर टिकट काटा जाना है,उन सीटों पर दावेदारों के नाम तय करें। वहीं पार्टी की ओर से कराए गए सर्वे की रिपोर्ट से भी इस रिपोर्ट का मिलान होना है।
ऐसे में माना जा रहा है अगले कुछ दिनों में यह साफ हो जाएगा कि भाजपा कितने सांसदों का टिकट काटेगी। वहीं जिन सीटों पर चेहरा नहीं बदलना है, वहां जल्द ही प्रत्याशी घोषित किए जा सकते हैं।
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इन सीटों पर चेहरा बदलना तय!…
विदिशा, बैतूल, खजुराहो और देवास में नया उम्मीदवार उतारना तकरीबन तय माना जा रहा है। क्योंकि विदिशा सांसद सुषमा स्वराज चुनाव लडऩे से इंकार करा चुकी है। बैतूल सांसद का जाति प्रमाण पत्र अमान्य हो चुका है। देवास और खजुराहो सांसद विधायक बन चुके हैं।
इनके भी काटे जा सकते हैं टिकट…
इंदौर सांसद सुमित्रा महाजन का इस बार टिकट काटा जा सकता है। चर्चा है कि उन्हें केंद्र में सरकार आने पर राज्यपाल बनाने का भरोसा देकर मनाने की तैयारी है। वहीं वर्तमान में ग्वालियर के सांसद नरेन्द्र सिंह तोमर मुरैना से चुनाव लड़ सकते हैं। इसके अलावा सागर, बालाघाट, सतना, शहडोल, उज्जैन, राजगढ़, मंदसौर, धार, सीधी, भिंड सांसदों के टिकट काटे जा सकते हैं।
15 सांसदों का विरोध, शाह को जाएगी रिपोर्ट…
राजधानी भोपाल में शुक्रवार को हुई प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में जमकर खींचतान हुई। कई सीटों पर जिलाध्यक्ष और स्थानीय नेता तक सांसदों के खिलाफ दिखे। करीब 15 सीटों पर नेता वापस सासंद दोहराने के मूड में नही दिखे।
बैठक में केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान, गणेश सिंह समेत कई बड़े नेता का विरोध रहा।पार्टी ने इस पर रिपोर्ट तैयार कर ली है जो आज केंद्रीय नेतृत्व में होने वाले चुनाव समिति की बैठक के समक्ष रखी जाएगी।
खबर है कि बैठक में नाम फायनल होने पर एक दो दिन में बीजेपी एमपी समेत देश भर में करीब 150 प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की जा सकती है। बताया जाता है कि बैठक में करीब 15 सीटों पर निगेटिव फीडबैक मिला है, जिसमें स्थानीय नेता सांसदों के खिलाफ दिखे।
इस बैठक में मिले फीडबैक की रिपोर्ट अमित शाह को दी जाएगी। आज दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की अध्यक्षता में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक बुलाई गई है।
बैठक में इस तमाम बातों को रखा जाएगा और फिर केंद्रीय चुनाव समिति इस पर अंतिम फैसला लेगी।बैठक में लोकसभा वार एक-एक सीट को लेकर रणनीति बनायी जाएगी।
भाजपा कार्यालय में हुआ मंथन…
लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी चयन और चुनावी रणनीति को लेकर प्रदेश भाजपा कार्यालय में शुक्रवार को दिन भर मंथन चला। भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर,नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव और संगठन महामंत्री सुहास भगत ने अलग-अलग समय में अलग-अलग संसदीय क्षेत्र के पार्टी नेता व दावेदारों से चर्चा की। वहीं यहां दिन भर दावेदारों का मेला लगा रहा।
भोपाल लोकसभा सीट के कई दावेदार…
बैठक में भोपाल को लेकर भी चर्चा हुई। आलोक संजर का कई नेताओं द्वारा विरोध किया गया। जिसके चलते पार्टी द्वारा यहां से प्रत्याशी को बदलने की कवायद तेज है।
इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर और पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता पहले ही यहां से दावेदारी ठोक चुके हैं। वहीं बताया जाता है कि महापौर आलोक शर्मा और प्रदेश महामंत्री वीडी शर्मा भी जोर लगा रहे हैं। शुक्रवार को पूर्व विधायक रमेश शर्मा, ध्रुवनारायण सिंह, शैलेंद्र प्रधान और जितेंद्र डागा ने भी चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर दी।