पूनम पुरोहित मंथन न्यूज़ दिल्ली –खाली जा रही सीटें, फिर भी रेलवे को 14 फीसदी मुनाफा
– हबीबगंज से नई दिल्ली शताब्दी में रोजाना 300 सीटें जा रही खाली
– ज्यादा किराए से परेशान यात्री मेल, एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनों में करने लगे सफर
राजधानी, दुरंतो और शताब्दी ट्रेनों में फ्लेक्सी फेयर सिस्टम लागू होने से इन ट्रेनों में यात्रियों की संख्या घट गई है। दरअसल रेलवे यात्रियों से 40 से 50 फीसदी तक ज्यादा किराया ले रहा है। इसका असर मध्यम वर्ग के यात्रियों पर पड़ा रहा है। वे इन ट्रेनों में सफर करना छोड़ रहे हैं। जिसके चलते इन ट्रेनों में सीटें लगातार खाली जा रही हैं। बावजूद इसके रेलवे को इनसे 14 फीसदी का मुनाफा हुआ है।
– ऐसे चलता है किराए का गणित
रेलवे ने सितंबर 2016 में 42 राजधानी, 46 शताब्दी और 54 दुरंतों ट्रेनों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत फ्लेक्सी किराया प्रणाली लागू की है। जिसमें शुरू की 10 फीसदी सीटें मूल किराया व बाकी की सीटें फ्लेक्सी किराया प्रणाली से बुक होती हैं। जिसमें हर 10 फीसदी सीटों पर किराए में 10-10 फीसदी की बढ़ोतरी का प्रावधान है। इस तरह ट्रेन के रवाना होने के पहले तक मूल किराए में 50 फीसदी की बढ़ोतरी हो रही है। इससे यात्री नाराज हैं। स्थिति ये है कि हबीबगंज से नई दिल्ली के बीच चलने वाली शताब्दी एक्सप्रेस में रोजाना 200 से 250 सीटें खाली रह रही हैं। यही स्थिति राजधानी और दुरंतों की है।
– फिर भी बढ़ी रेलवे की आय
इस संबंध में रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ प्रवक्ता ने बताया कि राजधानी, दुरंतो और शताब्दी ट्रेनों में फ्लेक्सी किराया प्रणाली की 9 अक्टूबर से नवंबर तक समीक्षा की गई थी। जिसमें कुल सीटों में से करीब 5 हजार सीटें खाली रहने की जानकारी सामने आई थी। हाल ही में दोबारा समीक्षा की है, जिसमें इन ट्रेनों की कुल सीटों में से डेढ़ फीसदी सीटों के खाली रहने की जानकारी मिली है। लेकिन इन ट्रेनों की आय में पहले से 14 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। यह प्रणाली लागू होने के बाद मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में रिजर्वेशन सीटों की बुकिंग में 4 फीसदी की बढ़ोतरी भी हुई है।
– शताब्दी में ऐसे समझे फ्लेक्सी किराया प्रणाली
फ्लेक्सी किराया शुरू की कुल सीटों में से 10 फीसदी पर लागू होता है। उसके बाद हर 10 फीसदी खाली सीटों के मूल किराए में 10 फीसदी की बढ़ोतरी होती है। यह बढ़ोतरी अधिकतम 50 फीसदी तक हो सकती है। यानि शताब्दी एक्सप्रेस में हबीबगंज से नई दिल्ली का मूल किराया 1140 रुपए, आगरा का 970, झांसी का 590, और ग्वालियर का 695 रुपए है तो यही किराया फ्लेक्सी सिस्टम लागू होने के बाद हबीबगंज से संबंधित स्टेशनों के लिए क्रमशः 1710, 1455, 885 और 1042 रुपए होगा।
– खाली सीटों का असर, रेलवे
अपनाए ये तरीकेः
– रेलवे ने ट्रेन रवाना होने से 4 घंटे पहले बर्थ खाली होने पर दिए जाने वाले टिकट पर यात्रियों को कुल किराए में (फ्लेक्सी किराया को मिलाकर) 10 फीसदी की छूट दे दी है।
– एक अप्रैल से रेलवे सुविधा, मेल, एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेन के रिजर्वेशन टिकटों में राजधानी, दुरंतो और शताब्दी जैसी ट्रेनों का विकल्प देगा। इसका फायदा ई-टिकट लेने वाले यात्रियों को ही मिलेगा।
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– ट्रेनों को खाली दौड़ाना ठीक नहीं
ट्रेनों को खाली दौड़ाना ठीक नहीं है। फ्लेक्सी किराया कम होना चाहिए। दुरंतों जैसी ट्रेनों में कम दूरी पर भी टिकट मिलता है तो यात्रियों को फायदा होता। सीटें खाली जा रही हैं और आम आदमी को टिकट नहीं मिल रहा है तो यह गलत है। रेलवे को सिस्टम पर पुनः विचार करना चाहिए।
– विकास वीरानी, डीआरयूसीसी सदस्य, भोपाल
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– आम यात्री परेशान हैं
रेलवे के अधिकारियों को यह नीति बनाते समय दूरदर्शिता का ध्यान रखना चाहिए था, क्योंकि इस सिस्टम से आम यात्री परेशान हो रहे हैं। रेलवे को यह सिस्टम एक ट्रेन की कुल सीटों में से 10 फीसदी सीटों पर लागू करना था। रेलवे ने 10 फीसदी सीटों को छोड़कर बाकी सीटों को इसके दायरे में ला दिया है।
– सत्यार्थ अग्रवाल, डीआरयूसीसी सदस्य, भोपाल
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