
आदित्यनाथ को यूपी का सीएम बनाया गया है उससे पहले पूरा सस्पेंस बरकरार रहा. दोपहर तक मनोज सिन्हा का नाम सबसे आगे था, लेकिन गोरखपुर से योगी आदित्यनाथ को चार्टर्ड फ्लाइट से दिल्ली बुलाए जाने के बाद सब बदलने लगा. गोरखपुर से दिल्ली आने के बाद जब योगी लखनऊ जा रहे थे तब सीधे कुछ भी नहीं बोले यहां तक कि लखनऊ जाने से पहले नए उप मुख्यमंत्री भी सवालों को गोलमोल घुमाते रहे. लेकिन उसके बाद धीरे-धीरे रेस में मनोज सिन्हा पीछे जाते रहे और योगी आदित्यनाथ आगे. उधर, बीजेपी के लखनऊ दफ़्तर के सामने योगी जी के समर्थक माहौल भी बनाते रहे. सस्पेंस बढ़ता रहता है. मौर्य और योगी साथ लखनऊ पहुंचते हैं. वेंकैया से मीटिंग होती है और फिर सस्पेंस से पर्दा उठता है. योगी आदित्यनाथ इस फिल्म के हीरो बनकर सामने आते हैं. (योगी आदित्यनाथ का असली नाम है अजय सिंह नेगी, जानें इनके जीवन से जुड़ी अनसुनी बातें)
अबकी बार योगी सरकार (योगी आदित्यनाथ के पक्ष में रही ये 5 बातें, जिसके चलते वे बने यूपी के मुख्यमंत्री)
- योगी का असली नाम अजयमोहन सिंह बिष्ट है
- योगी उत्तराखंड के एक छोटे से गांव में जन्में
- राजपूत परिवार से है योगी का ताल्लुक
- गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर के महंत हैं
- गोरखपुर से 5 बार से सांसद
- 1998 में पहली बार सांसद बने
- हिन्दू युवा वाहिनी के संस्थापक
योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने का फैसला उतना सहजता से नहीं हुआ जितना सतह पर दिखाई दे रहा है. संभवतया इसीलिए नतीजे आने के बाद योगी आदित्यनाथ की ताजपोशी का फैसला लेने में बीजेपी आलाकमान को एक सप्ताह का वक्त लगा. सूत्रों के मुताबिक योगी आदित्यनाथ इस पद के लिए आलाकमान की पहली पसंद नहीं थे. इससे पहले नरेंद्र मोदी और अमित शाह केंद्र सरकार में मंत्री मनोज सिन्हा को मुख्यमंत्री बनाने का मन बना चुके थे और वह इस रेस में अंतिम क्षणों तक सबसे आगे भी दिखाई दे रहे थे लेकिन माना जा रहा है कि संघ इस नाम पर मुहर लगाने से हिचक रहा था. सूत्रों के मुताबिक संघ बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद यूपी में एक कद्दावर राजनीतिक शख्सियत के हाथों में कमान देखना चाहता था और इस वजह से सिन्हा के नाम पर सहमति नहीं बन पाई.
Manthan News Just another WordPress site