मंथन भोपाल। विधानसभा में गुरुवार को नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने सरकार पर जिस तरह से गंभीर आरोप लगाए, उसी तरह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तल्ख अंदाज में उनका जवाब दिया। उन्होंने न सिर्फ सरकार पर लगाए गए आरोपों को खारिज किया। बल्कि विपक्ष के विधायकों को यह भी बता दिया कि वे उन पर और उनके कामकाज पर भी नजर रखते हैं। मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में अनछुए पहलुओं को स्पष्ट किया तो विपक्ष के कुछ आरोपों पर चुप्पी साधी।
नेता प्रतिपक्ष के आरोपों पर मुख्यमंत्री के जवाब का 
आरोप: यूपी, झारखंड, छग में शर्तें लगाकर मप्र के बेरोजगारों को नौकरी नहीं दी जाती। मप्र में महाराष्ट्र के एक शहर के 36 लोगों को परिवहन आरक्षक बना दिया।
जवाब: कहा जा रहा है कि फलाने शहर के इतने लोग हो गए। अगर उस शहर और प्रदेश का एक भी निकल जाए तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा।
आरोप: केंद्र सरकार ने मेजर-माइनर खनिजों में बदलाव किया है। आठ महीने में आदेश जारी नहीं हुए। बिना बारकोड-ट्रैकिंग डिवाइस के डंपर चल रहे, गांवों से गाड़ियां निकलती हैं, नदियों को डायवर्ट व मशीन लगाकर रेत निकाली जा रही।
जवाब: अवैध माइनिंग रोकने के हर आवश्यक कदम सरकार उठाएगी। अगर परिवार का कोई सदस्य गलत काम करेगा तो किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा। नए नियम बना रहे हैं जिसमें अवैध परिवहन करते पकड़े गए डंपर सीधे राजसात होंगे।
आरोप: सीएम के भतीजे व बीजेपी नेताओं के संरक्षण में अवैध उत्खनन हो रहा है। 586 रेत खदानों में से 450 शिवा कॉर्पाेरेशन और दिव्यानी इंडस्ट्रीज प्रालि की हैं।
जवाब: हम ई-ऑक्शन करते हैं। उस जमाने में तो अपने नाम पर नहीं आदिवासी भाई और बहनों के नाम पर समितियां बन गई थीं।
आरोप: व्यापमं घोटाले ने एक युवा पीढ़ी को बर्बाद कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार से सवाल किए हैं।
जवाब: जब उधर सरकार थी, तब भर्ती की कोई प्रक्रिया नहीं थी। शिक्षकों की भर्ती जनपद, जिला पंचायत कर लेती थीं। डिप्टी कलेक्टर पटवारियों की भर्ती कर लेते थे। हमारी सरकार ने सिस्टम बनाया। गलत भर्तियों को निरस्त करने का काम हमने किया।
आरोप: सबसे ज्यादा कुपोषण प्रदेश में है। जनवरी से मई 2016 के बीच 9288 बच्चों की मौत हुई, जिनमें से भोपाल में 586 बच्चे मारे गए।
जवाब: गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों की संख्या में कमी आई है। जब कांग्रेस सत्ता में थी, तब कुपोषित बच्चों का ठीक से इलाज नहीं होता था। हमने गहन चिकित्सा इकाई खोली हैं। पोषण आहार भी देते हैं।
आरोप: जितने इन्वेस्टर मीट हुए, उनमें 5200 करोड़ के अनुबंध हुए, पर जमीन पर 2600 करोड़ के उद्योग दिखे। भोपाल के एजुकेशन हब सहित रायसेन प्लास्टिक पार्क, विदिशा व होशंगाबाद में प्लॉट खाली पड़े हैं।
जवाब: कांग्रेस शासन में खजुराहो में समिट हुई थी। उद्योगपतियों ने कहा था कि सरकार के पास देने के लिए बिजली, सड़कें नहीं हैं। उद्योग कहां लगा लें। हमने सड़कें भी बनाईं, बिजली की व्यवस्था भी की। 27 औद्योगिक क्षेत्र विकसित कर रहे हैं। 2014 में 2.71 लाख करोड़ और 2016 में 5 लाख करोड़ के 2630 के प्रस्ताव मिले हैं।
आरोप: सिंहस्थ में 650 करोड़ क्षिप्रा-गंभीर नदी लिंक में खर्च हुए पर खान नदी का गंदा पानी मिलने लगा है। बताएं सिंहस्थ में किस कंपनी को ठेका दिया था, क्या गुजरात की कंपनी है, किसने पैसा खाया।
जवाब: सिंहस्थ का ऐसा आयोजन प्रदेश के इतिहास में अब तक नहीं हुआ। 4.47 लाख में खरीदे गए मटके 47 करोड़ के बताए जा रहे हैं। 40 रुपए की चप्पल 40 हजार की बता रहे हैं।
इनकी बात
– विपक्ष को सिर्फ शिवराज दिखता है। हाईकमान की नजरों में नंबर बढ़ाने के लिए असत्य आरोप लगाते हैं। मैंने हर सवाल का उत्तर दिया है। मैं उनके लिए सब्जेक्ट बन गया हूं। बड़े-बड़े नेता बड़े-बड़े वकील लेकर आए थे। बौखलाकर आरोप लगा रहे हैं। मैं रचनात्मक विरोध का सामना करता हूं। 
शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री 
– विधायकों को सदन में सत्ता की धौंस दी जा रही है। इन विधायकों ने मुख्यमंत्री के भाषण में हुई छोटी-मोटी गलतियों को बताने का प्रयास किया था। सदन में सदस्यों को डराना बंद करें। अगर गलत हो रहा है, तो जांच करिए। फिर चाहे मास्साब की जांच करना पड़े या भतीजे की। जब मति हर जाती है, तब ऐसे भाव आते हैं। 
जीतू पटवारी, विधायक
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