मंथन न्यूज़ –विमुद्रीकरण के बाद मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले के गांव में एक श्रमिक के निष्क्रिय पड़े बैंक खाते में अचानक 1.10 करोड़ रुपये की भारी धनराशि जमा हो गयी. हालांकि बैंक अधिकारी ने इसे ‘क्लर्क की गलती’ के कारण होना बताया.
होशंगाबाद जिले के खड़ीया गांव के रहने वाले श्रमिक आशाराम विश्वकर्मा को आयकर विभाग से प्राप्त हुए नोटिस के जरिये यह जानकारी मिली की उसके बैंक ऑफ इंडिया के खाते में 1.10 करोड़ रुपये की भारी धनराशि जमा हुई है.

नोटिस में विश्वकर्मा को 15 दिन के अंदर इस धन के स्त्रोत के बारे में जानकारी आयकर विभाग को देने का निर्देश दिया गया था.
आयकर विभाग ने 30 नवंबर को अंग्रेजी में विश्वकर्मा को नोटिस जारी किया गया था. अंग्रेजी नहीं आने के कारण विश्वकर्मा ने इसे एक स्कूल शिक्षक से पढ़वाया तब वह इस बारे में जानकर हैरान रह गया.
आयकर विभाग, भोपाल के सहायक निदेशक अशोक कुमार मंगलानी के हस्ताक्षर से विश्वकर्मा को भेजे नोटिस में कहा, ‘‘आयकर विभाग को यह सूचना मिली है कि आपने 9 नवंबर से 17 नवंबर के बीच बिना पैन नंबर की जानकारी दिये बैंक खाते से 1.10 करोड़ रुपये का लेन-देन किया है.’’
हालांकि, बैंक के शाखा प्रबंधक विनोद जालोदिया ने बताया, ‘‘विश्वकर्मा ने अपने खाते में 10,000 रुपये जमा कराये थे, लेकिन बैंक क्लर्क की गलती के कारण उसके खाते में 1.10 करोड़ रुपये की जमा होना दर्ज हो गये.’’
जालोदिया ने बताया, ‘‘वास्तव में उसने 500 रुपये के 20 नोट जमा किये थे लेकिन गलती से खाते में 500 रुपये के 20,000 नोट जमा होना दर्ज हो गया.’’
बैंक प्रबंधक ने बताया, ‘‘विश्वकर्मा द्वारा इस बारे में बताने के बाद हमने आयकर विभाग को बैंक क्लर्क से हुई गलती के बारे में सूचित कर दिया है.’’ इस मामले में आयकर अधिकारियों से संपर्क करने के सारे प्रयास असफल रहे.
सूत्रों के मुताबिक आयकर विभाग ने मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में लगभग 1000 जनधन खाता धारकों को नोटिस भेज कर विमुद्रीकरण के बाद उनके खातों में हुए उल्टे-सीधे लेन-देन की जानकारी हासिल करने के लिये नोटिस जारी किया है.
पूनम पुरोहित
Manthan News Just another WordPress site