उच्च शिक्षा मंत्री श्री जयभान सिंह पवैया ने कहा है कि विद्यार्थियों के सम्पूर्ण विकास के लिये शिक्षण संस्थाओं को खेल भावना से जुड़ी गतिविधियों को ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि आज के युग में खिलाड़ी की भूमिका देश के सम्मान के लिये उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी सरहद पर सैनिक की। श्री पवैया ने यह बात शारदा विहार में स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया और विद्या भारती के संयुक्त तत्वाधान में 62वीं राष्ट्रीय रोप स्कीपिंग शालेय प्रतियोगिता शुभारंभ समारोह में कही।
मंत्री श्री पवैया ने कहा कि बदलते हुए परिवेश में स्कूल में खेल की गतिविधियाँ कम हुई हैं। खेल बच्चों में आत्म-विश्वास, अनुशासन और संस्कार की भावना उत्पन्न करता है। उन्होंने कहा कि किसी कान्वेन्ट या अंग्रेजी स्कूल से निकले बच्चों में और खेल के मैदान में विकसित हुए छात्र के बीच बड़ा अंतर देखा जा सकता है। श्री पवैया ने कहा कि शारीरिक गतिविधियों के बिना तेज और शौर्य के भाव उत्पन्न नहीं हो सकते।
श्री जयभान सिंह पवैया ने उच्च शिक्षा में यूजी सामान्य पाठ्यक्रम में सेमेस्टर सिस्टम समाप्ति का जिक्र करते हुए कहा कि पूरे वर्ष परीक्षाओं में उलझे रहने से कॉलेज छात्र खेल और कलात्मक स्पर्धाओं से वंचित हो रहे थे। इस वजह से इस पर विचार करना पड़ा।
श्री पवैया ने कहा कि खिलाड़ी दो प्रकार के होते हैं एक वह जो अपने लिये खेलते हैं और दूसरे वह जो अन्तर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में श्रेष्ठ प्रदर्शन कर तिरंगे को अपनी छाती से लगाकर खुशी के आँसू बहाते हैं। उन्होंने कहा कि हर खिलाड़ी को संकल्प लेना चाहिये कि अच्छा खेलकर भारत माता का नाम रोशन करेंगे।
विद्या भारती के खेल उप सचिव श्री मुक्तेश वदेशा ने रस्सी कूद की विशेषताओं को बताया। उन्होंने कहा कि रस्सी कूद खेल के रूप में अंतराष्ट्रीय छवि बना रहा है। संगठन मंत्री श्री बाल चन्द्र रावले ने खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया। प्राचार्य श्री राजेश तिवारी ने अतिथियों का परिचय दिया। प्रबंधक श्री अजय शिवहरे ने कृतज्ञता ज्ञापित की।
उच्च शिक्षा मंत्री श्री पवैया और अखिल भारतीय संगठन मंत्री श्री राम अरावकर ने दीप जला और ध्वजारोहण कर औपचारिक रूप से प्रतियोगिता के शुभारंभ की विधिवत घोषणा की। तीन दिनी प्रतियोगिता में 14 राज्य के 350 विद्यार्थी भाग ले रहे हैं। बाहर से आई टीम ने रोप स्कीपिंग का प्रतीकात्मक प्रदर्शन किया। इस मौके पर शारदा बिहार प्रबंधन समिति के अध्यक्ष श्री शशिकांत सेठ, स्कूल और खेल विभाग के अधिकारी सहित विद्या भारती के पदाधिकारी मौजूद थे। कार्यक्रम की शुरूआत में सरस्वती वंदना और अंत में राष्ट्र-गीत हुआ।
पूनम पुरोहित