गोपाल भार्गव ने कहा कि प्रदेश में संवैधानिक संकट खड़ा हो गया है. मंत्रियों को बुलाकर पीसीसी में डांटा जा रहा है. पीसीसी से अप्रूव होने का बाद जवाब बन रहे हैं
मध्य प्रदेश में क्लीन चिटों के दौर के बाद से ही विपक्ष लगातार कमलनाथ सरकार पर हमलावर है. बुधवार को विधानसभा सत्र में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि प्रदेश में संवैधानिक संकट खड़ा हो गया है. मंत्रियों को बुलाकर पीसीसी में डांटा जा रहा है. पीसीसी से अप्रूव होने का बाद जवाब बन रहे हैं.
दरअसल, गोपाल भार्गव का यह बयान विधानसभा में तब आया है जब कमलनाथ सरकार ने पिछली बीजेपी सरकार के दौरान हुए कुछ घटनाओं पर नरम रुख अपनाया है. मंदसौर गोलीकांड की जांच, नर्मदा के किनारे प्लांट, यहां तक कि व्यापम घोटाले पर भी सरकार के बयान पर खुद कांग्रेस नेताओं ने सवाल खड़े किए थे.
यहां तक कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी कमलनाथ सरकार के फैसले पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार में मंत्रियों को शिवराज सरकार को क्लीन चिट नहीं देना चाहिए. दिग्विजय सिंह के इस बयान के बाद गृह मंत्री बाला बच्चन ने सफाई दी कि हमने किसी को क्लीन चिट नहीं दी है.
इसी पर विधानसभा में गोपाल भार्गव ने कांग्रेस पर हमला बोला. हालांकि सदन में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पलटवार किया. उन्होंने कहा कि मुझे कोई संविधान का पाठ न पढाए. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि आपको बहुत सालों बाद विपक्ष में बैठने का मौका मिला है, आप लोगों की यात्रा लम्बी और सुखद हो.