भोपाल। ऊर्जा विभाग के आउटसोर्स और संविदा कर्मचारियों की माँग पर जल्द सकारात्मक निर्णय लिया जायेगा। अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों के निराकरण के लिये नई नीति बनाई जायेगी। ई-अटेंडेंस की कठिनाई को दूर करेंगे। ऊर्जा मंत्री श्री प्रियव्रत सिंह ने यह घोषणाएँ मध्यप्रदेश विद्युत कर्मचारी संघ (फेडरेशन) इन्टक के प्रांतीय सम्मेलन में की।
श्री सिंह ने कहा कि विद्युत कम्पनियों में रिक्त लाइनमेन सहित सभी पदों को भरने की कार्यवाही शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि संविदा कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण के लिये मंत्रि-परिषद के सदस्यों की समिति गठित कर दी गई है। इसके अतिरिक्त एक उच्च स्तरीय कमेटी अलग से गठित की जायेगी। श्री सिंह ने कहा कि जरूरत होगी, तो अलग से नीति भी बनाई जायेगी।
ऊर्जा मंत्री श्री सिंह ने कहाकि कर्मचारी व्यवस्था को सुधारने में पूरी मुस्तैदी से कार्य करें। उन्होंने कहा कि सरकार कर्मचारियों को तनाव मुक्त रखना चाहती है, जिससे वे पूरी निष्ठा से कार्य कर सकें। श्री सिंह ने बताया कि वचन-पत्र में सम्मिलित विभिन्न बिन्दुओं पर कार्यवाही प्रचलन में है। विद्युत से पशुओं की मृत्यु पर आर्थिक सहायता, एक रुपये प्रति यूनिट बिजली, बिजली बिल संबंधी समस्याओं के निराकरण के लिये समिति का गठन और किसानों के 5 हार्स पावर तक की मोटरों के 7 हजार के बिल को 3500 रुपये कर दिया गया है। श्री सिंह ने कहा कि कर्मचारी मानसिकता बदलें। उन्होंने कहा कि कहीं भी अनावश्यक बिजली कटौती नहीं होना चाहिये।
बेवजह नहीं काटें बिजली कनेक्शन
जनसम्पर्क, विधि-विधायी कार्य, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और विमानन मंत्री श्री पी.सी. शर्मा ने कहा कि वचन-पत्र में 68 बिन्दु कर्मचारियों से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश विद्युत कर्मचारी संघ की माँगों को जल्द पूरा करवाया जायेगा। उन्होंने कहा कि बिजली के खम्बे पर चढ़कर काम करने वाले कर्मचारियों की माँगों को प्राथमिकता से पूरी करने की जरूरत है। श्री शर्मा ने कहा कि बेवजह बिजली के कनेक्शन नहीं काटे जायें। इस दौरान विधायक श्री आरिफ मसूद ने भी विचार व्यक्त किये। फेडरेशन के पदाधिकारियों ने माँगों का ज्ञापन ऊर्जा मंत्री को सौंपा।