भोपाल। मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने मध्यप्रदेश शासन के लिए काम कर रहे संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण प्रक्रिया के तहत नीति निर्देश जारी कर दिए हैं। इसमें स्पष्ट किया गया है कि संविदा कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त नहीं की जा सकतीं, जब तक की उनकी आयु 62 साल नहीं हो जाती।
सीबी पड़वार उप सचिव सामान्य प्रशासन विभाग के हस्ताक्षर से 08 फरवरी 2019 को जारी नीति निर्देश में यह स्पष्ट किया गया है। इसके साथ ही संविदा कर्मचारियों की एक मांग पूरी हो गई। संविदा कर्मचारियों की यह सबसे बड़ी परेशानी थी कि विभागीय अधिकारी उन्हे कभी भी नौकरी से निकाल देने की धमकी दे दिया करते थे। कई मामलों में गलती ना होेने के बावजूद संविदा कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त की गईं। कई गड़बड़ियों और घोटालों में भी संविदा कर्मचारियों पर एकतरफा कार्रवाई करते हुए सेवाएं समाप्त की गईं। उन्हे सुनवाई का अवसर तक नहीं दिया गया।
GOVERNMENT EMPLOYEE का दर्जा अभी शेष
संविदा कर्मचारी लगातार नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं। फिलहाल जो दस्तावेज जारी हुआ है, वो ना तो नियम है और ना ही आदेश। यह एक राहत भर है कि कम से कम आने वाले कुछ समय तक संविदा कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त नहीं होंगी। संविदा कर्मचारियों को मध्यप्रदेश शासन का नियमित कर्मचारी का दर्जा प्राप्त होना अभी शेष है।
केंद्र की SCHEMES वाले संविदा कर्मचारी अधर में
जारी हुआ दस्तावेज मध्यप्रदेश शासन के लिए काम कर रहे संविदा कर्मचारियों के लिए तो राहतकारी होगा परंतु केंद्र की योजनाओं में काम कर रहे संविदा कर्मचारियों के लिए यह प्रभावी नहीं है। इस संदर्भ में ऐसा कुछ भी नहीं लिखा गया है। संशय है कि यह उनके लिए भी प्रभावी होगा या नहीं।