Breaking News

मध्य प्रदेश में बढ़ा सियासी पारा, कमलनाथ से मिले बसपा के विधायक, मांगा मंत्री पद

दिल्ली। मध्य प्रदेश में सपा और बसपा के विधायकों के समर्थन से चल रही कांग्रेस सरकार की मुश्किल कम होने का नाम नहीं ले रही है। पहले जहां अखिलेश यादव ने उनके विधायक को मंत्री पद नहीं दिए जाने पर नाराजगी जाहिर की थी, तो उसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि यूपी में कांग्रेस को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस किसी भी तरह का जोखिम लेने के मूड में नहीं दिख रही है। लिहाजा सपा और बसपा के मतभेद को कम करने के लिए कांग्रेस अपने कोशिशों में जुट गई है। इसी कड़ी में बसपा के विधायकों से मुख्यमंत्री कमलनाथ से उनके घर पर मुलाकात की है।
मंत्री पद मांगा
// मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात के दौरान मैंने संजीव सिंह कुशवाहा के लिए कैबिनेट मंत्री का पद और खुद के लिए राज्यमंत्री के पद की मांग की है। मुझे इस बात का भरोसा दिया गया है कि वह इसका खयाल रखेंगे।
कांग्रेस का  धर्मसंकट
बहरहाल देखने वाली बात यह है कि बसपा विधायकों की मांग को अगर कांग्रेस मानती है और उन्हें मंत्री पद देती है तो सपा के विधायक पर पार्टी का क्या रुख होगा। अखिलेश यादव ने पहले ही खुले तौर पर उनके विधायक को मंत्री पद नहीं दिए जाने पर नाराजगी जाहिर की थी। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में विधानसभा की कुल 231 सीटें हैं जिसमे से 114 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है ,भाजपा ने 109 सीटों पर जीत दर्ज की है, सपा ने एक और बसपा ने दो सीटों पर दर्ज की है। जबकि निर्दलीय के खाते में 4 सीटें आई हैं। ऐसे में कांग्रेस बहुमत के आंकड़े से दो सीट दूर है।
यूपी का पेंच
दिलचस्प बात यह है कि अगर बसपा के दोनों विधायकों को मंत्री पद दिया जाता है तो मुमकिन है कि दोनों विधायक कांग्रेस को अपना गठबंधन जारी रखेंगे, लेकिन सपा के विधायक को मंत्री पद नहीं दिए जाने से कांग्रेस को यूपी में इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। यूपी में कयास लगाए जा रहे हैं कि सपा और बसपा कांग्रेस को गठबंधन में अधिकतम 5-10 सीटें देने के मूड में हैं

Check Also

नव नियुक्त सांसद प्रतिनिधि राकेश सांवलदास गुप्ता का हुआ स्वागत सम्मान*

🔊 Listen to this *नव नियुक्त सांसद प्रतिनिधि राकेश सांवलदास गुप्ता का हुआ स्वागत सम्मान* …