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मध्‍य प्रदेश में चुनाव परिणामों के बाद बड़ी प्रशासनिक सर्जरी की तैयारी

भोपाल, - मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आने में अभी करीब आठ दिन का समय है, लेकिन प्रशासनिक गलियारों में परिणाम को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। कयास लगाए जाने की वजह है नई सरकार के गठन के बाद होने वाली कई प्रशासनिक नियुक्तियां। माना जा रहा है कि सरकार किसी की भी बने, बड़ी प्रशासनिक सर्जरी लगभग तय है। हालांकि नई सरकार में प्रशासन के चेहरे की तस्वीर नतीजों के बाद ही साफ हो पाएगी।
कौन बनेगा मुख्य सचिव 
नई सरकार को आते ही इसी महीने नए मुख्य सचिव की नियुक्ति करना है। मौजूदा मुख्य सचिव बीपी सिंह का कार्यकाल 31 दिसंबर को खत्म हो रहा है। उन्हें जुलाई में छह महीने की सेवा वृद्धि मिली थी। नए मुख्य सचिव के लिए कई दावेदार हैं, लेकिन यह नियुक्ति भी नई सरकार की पसंद पर निर्भर करेगी।
यदि प्रदेश में चौथी बार भाजपा की ही सरकार बनाती है तो 1985 बैच के राधेश्याम जुलानिया और इकबाल सिंह बैंस इस पद के प्रमुख दावेदार हैं। दोनों ही अधिकारी भाजपा सरकार में ताकतवर रहे हैं। वहीं उलटफेर होने की स्थिति में इस समय सबसे सीनियर अधिकारी एसआर मोहंती का दावा प्रबल होगा। इसके अलावा 1984 बैच के एपी श्रीवास्तव, 1985 बैच के प्रभांशु कमल भी दावेदारों में शामिल हैं।
मुख्य सचिव के बाद बदलेंगे कई अफसर 
मुख्य सचिव की नियुक्ति के बाद मंत्रालय में पदस्थ कई अफसरों के विभाग भी बदले जाएंगे। इनमें वे अफसर भी शामिल हैं, जिनके पास लंबे समय से एक ही विभाग है। यह भी सबकुछ नई सरकार पर निर्भर करेगा। किसी की भी सरकार बने, मंत्रालय से लेकर मैदानी स्तर तक बदलाव होंगे।
इसकी एक वजह यह भी है कि मई में लोकसभा चुनाव होने हैं। इस लिहाज से नई सरकार चुनावी जमावट करेगी। वहीं कुछ अफसर चुनाव के बाद प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली जा सकते हैं। इसमें वे अफसर भी शामिल हैं, जो केंद्र सरकार में सूचीबद्ध (इम्पैनलमेंट) हो चुके हैं और अभी तक नहीं गए हैं।
यदि वे इस साल दिल्ली नहीं जाते हैं तो उन्हें आगे मौका नहीं मिलेगा। अफसरों के दिल्ली जाने से कई पद खाली होंगे। इसके अलावा उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव मोहम्मद सुलेमान, महिला एवं बाल विकास के पीएम जेएन कंसोटिया, कृषि विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. राजेश राजौरा सहित उन अफसरों के विभाग बदलने की संभावना है, जो लंबे समय से एक ही विभाग में काम कर रहे हैं।  
पुलिस मुख्यालय की तस्वीर भी बदलने की संभावना 
सरकार चाहे जिस पार्टी की बने, लेकिन पुलिस मुख्यालय की तस्वीर भी बदलना तय है। मतदान के बाद आईपीएस अधिकारी इस मुद्दे पर अभी खुलकर चर्चा करने से बच रहे हैं, लेकिन दबी जुबान में सवाल जरूर करते हैं कि किसकी सरकार बनने जा रही है? पुलिस मुख्यालय में अधिकारी कुछ इसी तरह की चर्चा में मशगूल नजर आते हैं। राजनीति में रुचि रखने वाले अफसरों ने तो राजनेताओं से संपर्क भी बढ़ा लिए हैं।
पुलिस महानिदेशक आरके शुक्ला को भी बदले जाने की चर्चा शुरू हो गई है। उनके स्थान पर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ विवेक जौहरी, जेल महानिदेशक संजय चौधरी से लेकर परिवहन आयुक्त शैलेंद्र श्रीवास्तव के नाम प्रमुखता से लिए जा रहे हैं। वहीं, कहा जा रहा है कि सरकार को जनता की नब्ज बताने वाली इंटेलीजेंस शाखा की भूमिका का भी आकलन होगा। कुछ अन्य महत्वपूर्ण शाखाओं योजना, प्रबंध, प्रशासन, सीआईडी, विजिलेंस, एसएएफ के प्रमुख भी बदले जा सकते हैं।

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