भोपाल: मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अब राज्य में नया सियासी दांव चला है। परस्पर विरोधी माने जाने वाले अपनी ही पार्टी के नेताओं के समर्थकों से वह नजदीकियां बढ़ा रहे हैं। किसी के घर पहुंचकर भोजन (लंच-डिनर) कर रहे हैं तो किसी से दिल्ली में मुलाकात कर रहे हैं। यही नहीं, उन्होंने खुद को सभी गुटों में सर्वमान्य बनाने के लिए कमलनाथ सरकार के फैसलों में सहमति देने की रणनीति पर अमल शुरू किया है।
मुख्यमंत्री कमलनाथ कई बार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से मुक्त करने की पेशकश कर चुके हैं। इससे कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और सिंधिया गुट के चर्चित चेहरों के नाम भी सामने आने लगे हैं। सरकार के मंत्रियों बाला बच्चन, जीतू पटवारी व उमंग सिंघार, अजय सिंह, रामनिवास रावत जैसे नेताओं के नाम चर्चा में भी आए। वहीं, समर्थकों ने सिंधिया को ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की मांग खुलकर की। उनके समर्थक मंत्रियों इमरती देवी, प्रद्युम्नसिंह तोमर, महेंद्र सिंह सिसोदिया ने तो सार्वजनिक रूप से बयान भी दिए।
डॉ. गोविंद सिंह से किए रिश्ते बेहतर
सिंधिया ने स्वयं कभी प्रदेश अध्यक्ष के लिए दावेदारी नहीं की, लेकिन कुछ समय से उन्होंने सियासी दांव बदला है। एक समय उनके घोर विरोधी रहे मंत्री डॉ. गोविंद सिंह से अब उनके रिश्ते बेहतर होते जा रहे हैं। पिछले दिनों जब डॉ. सिंह के खिलाफ सिंधिया समर्थक विधायकों ने बयानबाजी की थी तो सिंधिया ने विधायकों को समझाइश देकर डॉ. सिंह के खिलाफ बयानबाजी बंद करवाई। जल्द ही वे भिंड प्रवास पर जाने वाले हैं, जिसमें उनके मंत्री के निवास पर मुलाकात का कार्यक्रम तय है।
अशोक सिंह के नाम पर सहमति
दिग्विजय सिंह समर्थक ग्वालियर के अशोक सिंह की अपेक्स बैंक में प्रशासक के रूप नियुक्ति पर भी सिंधिया ने सहमति देने में देरी नहीं की। हालांकि, इसके पहले अशोक सिंह को लोकसभा टिकट देने में भी नेतृत्व की ओर से सिंधिया से राय-मशविरा किया गया था और सिंधिया ने सहमति दी थी।
हर गुट के नेता की ओर झुकाव
सिंधिया के नए सियासी दांव में देखने में आया है कि उनके हाल के दौरों में हर गुट के नेता से वह मुलाकात करने की कोशिश कर रहे हैं। इसमें वह ध्यान रखते हैं कि एक बार अपने समर्थक से न मिलें, लेकिन दूसरे खेमे के नेताओं से जरूर भेंट करें। इंदौर में मप्र क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव के पहले वह अपने समर्थक नेताओं के बजाय विधायक संजय शुक्ला, विशाल पटेल, विनय बाकलीवाल, पंकज संघवी के घर गए। किसी के यहां सिंधिया ने सुबह का खाना खाया तो किसी के घर नाश्ता किया।