सीएम मॉनिट के सैकड़ों नाम अब तक अधर में हैं। भास्कर संवाददाता | इंदौर जुलाई-अगस्त में प्रदेश के 70 हजार से अधिक…
जुलाई-अगस्त में प्रदेश के 70 हजार से अधिक शिक्षकों के तबादले किए गए। इसके लिए शिक्षकों से पहली बार ऑनलाइन आवेदन बुलाए गए। विभाग के अफसरों ने दावा किया था, ऑनलाइन प्रक्रिया होने से पूरी पारदर्शिता रहेगी। लेकिन जब सूची जारी हुई तो धीरे-धीरे पोल खुलने लगी। जिम्मेदारों की मनमानी के चलते हजारों स्कूलों में शिक्षक ही नहीं बचे। दूसरी तरफ कई स्कूलों में एक ही विषय के एक से अधिक शिक्षक पहुंच गए। इसके उलट सैकड़ों शिक्षक अब भी तबादले की बाट जोह रहे हैं, जिनके नाम मुख्यमंत्री दफ्तर की ए-प्लस सूची में हैं। यानी जिनके तबादले प्राथमिकता से होने चाहिए थे वे महीनेभर से इंतजार कर रहे हैं।
समयसीमा खत्म, अब सीएम को करना होगा अनुमोदन
तबादलों की समयसीमा खत्म हो चुकी है। अब तबादला सीएम के अनुमोदन के बिना नहीं हो सकता है। यानी जिन शिक्षकों की सिफारिश मंत्री-विधायकों ने की थी, उनके लिए दोबारा नोटशीट चलाना होगी। तबादलों के पहले सरकार ने नीति बनाई थी कि इस बार सिफारिशी तबादले नहीं होंगे लेकिन फिर खुद शासन ने ही नेताओं की नोटशीट के आधार पर शिक्षकों की सूची विभाग को सौंप दी थी।
चलाई गई नोटशीट में उपकृत और सजा दोनों तरह की सिफारिश
नेताओं के द्वारा चलाई गई नोटशीट में जहां जरूरत के हिसाब से उपकृत करने वाले नाम हैं वहीं बतौर सजा हटाने की वजह भी लिखी गई है। 397 और 294 नामों वाली दो सूचियों में प्रदेश के 691 शिक्षकों और प्राचार्यों के तबादले अनुमोदित किए गए हैं। हालांकि इनमें से कुछ शिक्षक ऑनलाइन तबादले वाले भी शामिल हैं।
सीएम मॉनिट के भी ट्रांसफर हुए
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