नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव (Gopal Bhargav) ने सीएम पर ऐसी चुटकी ली कि एमपी का सियासी पारा चढ़ा दिया है. उन्होंने कहा कि सीएम कमलनाथ (CM Kamalnath) सुबह से अपने विधायकों की गिनती करते हैं. उन्हें अपने विधायकों की गिनती करते रहना चाहिए क्योंकि पता नहीं किस दिन और किस रात उन्हें मीडिया के जरिए जानकारी मिले कि कुछ हो गया है.
भोपाल. मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव से जब पत्रकारों ने कहा कि कांग्रेस के नेता कह रहे हैं कि बीजेपी के कुछ विधायक अभी भी उनके संपर्क में हैं तो उन्होंने ऐसा बयान दे दिया जिसने प्रदेश का सियासी पारा चढ़ा दिया. उन्होंने कहा कि सीएम कमलनाथ सुबह से अपने विधायकों (MLA) की गिनती करते हैं, क्योंकि पता नहीं कब उन्हें जानकारी मिले कि कुछ हो गया है. दरअसल इससे पहले पत्रकार उनसे महाराष्ट्र की राजनीति को लेकर चर्चा कर रहे थे. आपको बता दें कि हाल ही में महाराष्ट्र में चल रही सरकार बनाने की सियासी कसरत में उस वक्त बड़ा मोड़ आ गया था जब उद्धव ठाकरे के सीएम बनने की खबरों के बीच अचानक से देवेंद्र फणनवीस के इस्तीफा देने के बाद दोबारा सीएम पद की शपथ ले ली थी. हालांकि बाद में फिर उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था और आखिरकार उद्धव ठाकरे एनसीपी और कांग्रेस के सहयोग से सीएम बने.
एमपी में क्या है सियासी गणित
मध्य प्रदेश में सरकार के बहुमत के सवाल पर सियासी बयानबाजी का दौर बीते काफी वक्त से चल रहा है. विधानसभा में हुए चुनावों में कांग्रेस को बहुमत के आंकड़े 116 सीटों से 2 सीटें कम सीटें मिली थीं जबकि बीजेपी को 109 सीटें मिली थीं. कांग्रेस ने बीएसपी के 2, एसपी के एक और 4 निर्दलीय विधायकों के सहयोग से सरकार बनाई थी. बाद में झाबुआ में हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने एक और सीट अपने नाम कर ली जिससे बीजेपी और कांग्रेस में सीटों का गणित बदलकर 108 और 115 हो गया. हाल ही में पवई से बीजेपी विधायक प्रह्लाद लोधी की सदस्यता शून्य होने के बाद कांग्रेस बहुमत की स्थिति में है लेकिन कांग्रेस और बीजेपी में सियासी बयानबाजी का दौर जारी है.
मध्य प्रदेश में सरकार के बहुमत के सवाल पर सियासी बयानबाजी का दौर बीते काफी वक्त से चल रहा है. विधानसभा में हुए चुनावों में कांग्रेस को बहुमत के आंकड़े 116 सीटों से 2 सीटें कम सीटें मिली थीं जबकि बीजेपी को 109 सीटें मिली थीं. कांग्रेस ने बीएसपी के 2, एसपी के एक और 4 निर्दलीय विधायकों के सहयोग से सरकार बनाई थी. बाद में झाबुआ में हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने एक और सीट अपने नाम कर ली जिससे बीजेपी और कांग्रेस में सीटों का गणित बदलकर 108 और 115 हो गया. हाल ही में पवई से बीजेपी विधायक प्रह्लाद लोधी की सदस्यता शून्य होने के बाद कांग्रेस बहुमत की स्थिति में है लेकिन कांग्रेस और बीजेपी में सियासी बयानबाजी का दौर जारी है.
हो चुका है आने-जाने का खेल
बीजेपी और कांग्रेस में बहुमत के खेल पर विधायकों के पाला बदलने का सियासी खेल हो चुका है. बीते बजट सत्र के दौरान उस वक्त सियासी पासा पलट गया था जब मैहर से बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी और ब्योहारी से बीजेपी विधायक शरद कोल ने विधानसभा में एक विधेयक पर वोटिंग के दौरान कांग्रेस का समर्थन कर दिया था. उस वक्त इन दोनों विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किया था. लेकिन कुछ दिनों बाद अचानक से नारायण त्रिपाठी बीजेपी में लौट आए और शरद कोल भी इस तरह के संकेत दे चुके हैं. ऐसे में अब बीजेपी और कांग्रेस दोनों एक दूसरे को शह-मात के खेल में आईना दिखाते रहते हैं.
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