भोपाल। मध्यप्रदेश में भाजपा सत्तारूढ़ दल है। यह 15वां साल है जब वो सत्ता में है। संडे को चुरहट में आया पत्थर कांग्रेसी था या कोई और लेकिन एक बात स्पष्ट थी कि सीएम शिवराज सिंह की सुरक्षा में चूक हुई है और सरकार का खुफिया नेटवर्क पूरी तरह से बिफल हो गया है। अब भाजपा ने तय किया है कि वो इस घटना के खिलाफ 4 सितम्बर को पूरे प्रदेश में धरना देंगे। सवाल यह है कि क्या कोई पार्टी अपनी ही सरकार, पुलिस और खुफिया विभाग के खिलाफ धरना देती है।
भाजपा ने कहा: सुनियोजित षडयंत्र है
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने प्रेसवार्ता में दावा किया कि यह घटना अचानक नहीं हुई बल्कि एक साजिश थी। इसके लिए ट्रेनिंग दी गई थी। बताया गया कि गिरफ्तार किए गए 9 लोगों में 3 कांग्रेस के पदाधिकारी हैं। अब खबर आ रही है कि 4 सितम्बर को सायकाल 3:00 बजे प्रदेश के सभी जिलों में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता धरना देंगे। इसी के साथ माननीय राज्यपाल के नाम जिलाधीश को ज्ञापन देकर पथराव करने वाले कांग्रेस नेताओं और उनके समर्थकों के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की मांग करेंगे।
पत्थर, जूते या काले झंडे सब सरकार का फेलियर है
दरअसल, यह घटना सरकार का फेलियर है। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि वो पत्थर या जूता कांग्रेसी था या गैर कांग्रेसी लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि सरकार का खुफिया विभाग क्या कर रहा था। क्या उसे नहीं पता चला कि चुरहर में एक साजिश रची जा रही है। मौके पर मौजूद पुलिस बल क्या कर रहा था, उसने पत्थर फैंकने वालों को तत्काल गिरफ्तार क्यों नहीं किया। मुख्यमंत्री सभी विभागों का मुखिया होता है अत: यह धरना मुख्यमंत्री के खिलाफ ही हुआ।
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