पिछड़े वर्ग के अंतर्गत आने वाले नौनिहालों की छात्रवृत्ति खत्म करने जा रही है मध्यप्रदेश सरकार!
मध्यप्रदेश में एक ऐसा बदलाव होने जा रहा है जिसमें प्रदेश के नौनिहालों के चेहरों पर खिलने वाली मुस्कान निराशा में तब्दील होने जा रही है। अधिकारियों ने एक ऐसा खाका तैयार करने की तैयारियां अपने अंतिक मुकाम पर पहुंचा दी हैं जहां सरकार बच्चों को मिलने वाली सरकारी मदद को खत्म करने की तैयारी कर रही है।
ऐसा करने के पीछे तर्क यह दिया जा रहा है कि इससे सरकारी खजाने में 200 करोड़ रूपए की वृद्धि होगी।
दरअसल मध्यप्रदेश सरकार अनुसूचित जाति जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के एक से आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति को बंद करने का मन बना चुकी है। सरकार की यह नीति कितनी सही है जिसमें प्राथमिक स्कूलों के वित्तीय रूप से कमजोर बच्चों को मिलने वाली थोड़ी सी अर्थिक सहायता पर भी कुंडली मारकर बैठ जाना चाहती है।
इसको पूरा करने के लिए तीनो विभाग अदिमजाति कल्याण और पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के उच्च अधिकारियों के बीच सहमति भी बन गई है। खबरों के मुताबिक इस प्रस्ताव पर वित्त विभाग भी सहमत दिख रहा है और जल्द ही अपनी मोहर लगा सकता है।
इसके बाद यह प्रस्ताव सूबे के मुखिया कमलनाथ और संबंधित मंत्रियों के पास भेजा जाएगा। यदि ऐसा हो गया तो प्रदेश के पिछडे वर्ग से आने वाले लगभग 15 लाख छात्र छात्रवृत्ति नही पा सकेंगे।
योजना बंद करने के पीछे अधिकारियों का कहना है कि सरकार निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के तहत कक्षा 1 से 8 तक पढने वाले छात्रों से वैसे भी ट्यूशन फीस नही ली जा रही है साथ ही छात्रवृत्ति इतनी कम है कि इससे विद्यार्थियों को कोई लाभ नही होगा। यह कैसा फरमान है यदि आप छात्रों के इतने ही हितैषी है तो छात्रवृत्ति बढाइए इसे खत्म करने का तर्क सार्थक नही दिख रहा है।
क्या सरकारी तिजोरी भरने का एक मात्र जरिया बच्चों को मिलने वाली जरा सी आर्थिक सहायता छीन कर ही किया जा सकता हैए क्या आपके राजस्व प्राप्ति और आय के स़्त्रोत इतने कमजोर हो गए हैं कि इन चेहरों पर खिलने वाली मुस्कान को छीनकर ही उसे पूरा किया जा सकता है। इन बच्चों की पढाई किसी दून कालेज में नही हुई है यहां छात्र बिना स्कूली छत के पढ़ाई करते दिख जाते हैं। इनकी तकलीफों को समझने की कोशिश कीजिए। बच्चों को मिलने वाली यह छोटी सी मदद आपके लिए मायने नही रखती होगी लेकिन उन चेहरों को याद कर सोंचिए जो पूरे वर्ष महज इस बात का इंतजार करते हैं कि इन पैसों से वह सजाए गए कई सपने सच कर लेंगे। आपका एक फैसला उनके चेहरों की रंगत उड़ा देगा। इसलिए कोई भी फैसला लेने से पहले यह जरूर याद रखें कि इससे किसी के सपने की पंख न कतर जाएं।
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