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अमेरिका के बाद भारत सरकार ने भी कहा, कोरोना से बचा सकता है घर पर बना मास्क भी, पहनकर ही निकलें

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अमेरिका के बाद अब भारत सरकार ने भी लोगों से घर से बाहर निकलने से पहले मास्क पहनने की सलाह दी है। खास बात यह है कि सरकार ने कहा है कि स्वस्थ लोग घर पर बने कपड़े के मास्क से खुद को कोरोना वायरस से बचा सकते हैं। घर पर इसे तैयार करने को लेकर दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं। हालांकि, यह स्वास्थ्य कर्मियों और कोविड-19 के मरीजों की देखभाल मे जुटे लोगों के लिए नहीं है।

भारत में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इस बीच सरकार ने शनिवार एक परामर्श जारी कर कोविड-19 का प्रसार रोकने के लिए लोगों से घर पर बना मास्क लगाने को कहा है। खास तौर पर तब जब वे घरों से बाहर निकलें।

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चेहरे और मुंह के बचाव के लिए घर में बने सुरक्षा कवर के इस्तेमाल पर परामर्श में सरकार ने कहा कि ऐसे मास्क के इस्तेमाल से बड़े पैमाने पर समुदाय का बचाव होगा और कई देशों ने घर में बने मास्क के आम लोगों के लिए फायदेमंद होने का दावा किया है। देश में कोविड-19 के पुष्ट मामलों की संख्या शनिवार को बढ़कर 2902 हो गई जबकि इस बीमारी के कारण मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 68 हो गया है।

इसलिए है जरूरी
सरकार ने कहा है कि कोविड-19 वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल रहा है। वायरस से युक्त बूदें जल्दी से खूकर छोटी बूंदों के नाभिक का निर्माण करती हैं, ये बूंदें हवा में रहती हैं और फिर विभिन्न सतहों पर उतर जाती हैं। संक्रमित व्यक्ति की वजह से कोरोना वायरस की बूंदें हवा में रुक जाती हैं। मास्क इन बूंदों की स्वसन प्रणाली में प्रवेश करने की संभावना को कम करता है। सरकार की ओर से जारी निर्देशों में कहा गया है कि भारत में घनी आबादी वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए मास्क पहनना अत्यधिक आवश्यक है।

कोरोना वायरस को रोकने में सक्षम
सरकार ने कहा है कि एक सुरक्षात्मक मास्क को साधारण घरेलू वस्तुओं से बनाया जा सकता है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि 100% सूती कपड़े की दोहरी परत छोटे कणों को रोकने में सबसे प्रभावशाली होती हैं, सांस को नहीं रोकती और घर पर मास्क बनाना आसान कर देती है।

दोबारा कर सकते हैं इस्तेमाल
सरकार ने कहा है कि सर्जिकल मास्क की तुलना में 100% सूती कपड़े की दोहरी परत, छोटे कणों को रोकने में लगभग 70% प्रभावशाली होती है। यह कपड़ा सांस लेने में कोई परेशानी पैदा नहीं करता है। यह आसानी से घरों में बनाया जा सकता है। इसे दोबारा उपयोग किया जा सकता है।

अमेरिका ने भी यही कहा
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने अपनी सिफारिश में कहा है कि अमेरिकियों को कोविड-19 से बचाने के लिए कपड़े से बने मास्क को पहनना चाहिए। व्हाइट हाउस में एक प्रेस ब्रिफिंग के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, ‘सीडीसी ने अपनी सिफारिश में कहा कि वॉलंटरी हेल्थ मेजर्स के रूप में नॉन-मेडिकल क्लॉथ (कपड़े) का इस्तेमाल किया जाए। यह वॉलंटरी है, उन्होंने कुछ समय के लिए इसकी सिफारिश की है।’ ट्रंप ने कहा कि सीडीसी मेडिकल ग्रेड या सर्जिकल ग्रेड मास्क के उपयोग की सिफारिश नहीं कर रहा है। मेडिकल कर्मचारियों के लिए एन 95 रेस्पिरेटर मास्क को बचाया जाना आवश्यक है।

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