दिल की बातें दिल में ही रह गईं ,,,
थे कुछ अरमां जो आंखे पी गईं ,,,
सपनों की ख्वाहिशें सपनों में ढह गईं ,,,
खुशियां मेरी थम सी गईं ,,,
मेरी चाहत बस चाहत सी रह गईं ,,,
लबों पर लब्जो की ख़ामोशी सी रह गईं ,,,
दिल की बातें दिल में ही रह गईं ,,,
दिल की बाते दिल में ही रह गईं ,,,,
प्रज्ञा शिवहरे
Check Also
हम जैसे कार्यकर्ताओं को जहर दे दो _ धैर्यवर्धन
🔊 Listen to this शिवपुरीDec 10, 2024 at 10:51 _________________________ भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश …