- एसपी विक्रांत वीर, चंदपा थाने के इंस्पेक्टर, डीएसपी समेत सात पुलिसकर्मी भी नपे
- मामले में डीएम-एसपी की भूमिका को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद नाराज थे
- सीएम ने मांगी थी रिपोर्ट, किसी भी वक्त हाथरस के डीएम-एसपी के सस्पेंड होने की थी उम्मीद
हाथरस कांड को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। इस कांड में भूमिका को लेकर योगी सरकार ने हाथरस के एसपी विक्रांत वीर, डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार और इलाके के इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा योगी सरकार ने फैसला लिया है कि इस घटना में मौके पर मौजूद रहे पुलिसकर्मियों का नार्को टेस्ट किया जाएगा। साथ ही साथ पीड़ित परिवार का भी टेस्ट किया जाएगा।
बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की है।
बता दें कि इस मामले में शुरुआत से लेकर अभी तक प्रशासनिक लापरवाही सामने आई है। विवाद थमता न देख मुख्यमंत्री कार्यालय ने सीधा हस्तक्षेप किया और डीएम-एसपी के खिलाफ विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। पूरे मामले में डीएम और एसपी की भूमिका को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद नाराज थे।
शुरुआत से ही संदिग्ध रही है हाथरस के डीएम की भूमिका
हाथरस के जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार की भूमिका शुरुआत से ही संदिग्ध रही है। मृत लड़की के परिवार ने डीएम लक्षकार पर बेहद गंभीर आरोप लगाए। डीएम प्रवीण कुमार पर पीड़िता की भाभी ने आरोप लगाया था कि डीएम ने उनके ससुर (पीड़िता के पिता) से कहा है कि अगर तुम्हारी बेटी अभी कोरोना से मर जाती तो क्या तुमको मुआवजा मिल पाता?
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