आशा कार्यकर्ताओं का दर्द आशा कार्यकर्ता बोली 10 साल काम लिया और अब फर्जी बात कर हटा दिया।
मंगलवार दोपहर कलेक्टर परिसर में नरवर से आई आशा कार्यकर्ताओं ने उस समय हंगामा मचाया जब सामूहिक रूप से जनसुनवाई चल रही थी। तेज आवाज में आशा कार्यकर्ताओं ने अपना विरोध जताते हुए कहा कि 10 साल हमने सेवाएं दी और अब बदले में हमको चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले नोटिस देकर हटा दिया। आखिर हमारा कसूर क्या है इस आशय की मांग के साथ आशा कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर अपनी नाराजगी जाहिर की आशा कार्यकर्ताओं की ओर से अपनी बात रखते हुए निर्मला कुशवाहा ने बताया कि नरवर के पीएम उन्हें 22 अप्रैल को हमें हटाने की बात कही और कागज 28 मार्च को निकाला गया हम आशा कार्यकर्ताओं को ₹6000 का वेतन और काम करने की प्रोत्साहन राशि मिलती है लेकिन फरवरी के बाद हमें कोई वेतन नहीं मिला और बिना कोई सूचना के यह कहते हुए हटा दिया कि तुम्हारे दस्तावेज फर्जी है। जब हमने इस संबंध में सिविल सर्जन को और सीएमएचओ को बताया तो उन्होंने भी कोई कार्रवाई नहीं की। इसलिए यहां प्रदर्शन के लिए आए हैं यहां आश्वासन मिला है कि हमारी सुनवाई होगी यदि नहीं हुई तो फिर हम और आंदोलन करेंगे