
भोपाल। गौरक्षा के नाम पर हिंसा करने वालों के खिलाफ अब कानूनी कार्रवाई की जा सकेगी। ऐसे मामलों में लिप्त लोगों को अलग-अलग परिस्थिति में छह माह से तीन साल तक की सजा का प्रावधान प्रस्तावित कानून में किया जा रहा है। राज्य सरकार ने मप्र गौवंश वध प्रतिषेध कानून में संशोधन प्रस्तावित किया है, जिसे बुधवार को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। अब विधेयक विधानसभा पटल पर रखा जाएगा। पशुपालन विभाग के अफसरों का दावा है कि ऐसा करने वाला प्रदेश अकेला राज्य है।
प्रदेश में गौवंश परिवहन के दौरान इस तरह की घटनाएं होती हैं। गौवंश की रक्षा के नाम पर लोग हिंसक हो जाते हैं। वाहन में आग लगा देते हैं और चालक-क्लीनर से मारपीट करते हैं। कई मामलों में चालकों की मौत तक हो जाती है। ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए कानून में संशोधन किया जा रहा है। नए कानून में लोग गौवंश की रक्षा के नाम पर हिंसक वारदात नहीं कर सकते हैं। ऐसा करने पर उन्हें जेल जाना पड़ सकता है। कानून में समूह बनाकर हिंसा करने, किसी को इस तरह की हिंसा के लिए उकसाने और हिंसा का प्रयत्न करने पर सजा का प्रावधान किया गया है। इतना ही नहीं, ऐसे अपराध में दोबारा पकड़े जाने पर सजा भी दोगुनी हो जाएगी।
किसानों से खरीदे जा सकेंगे पशु
प्रदेश में अब किसानों से भी पशु खरीदे जा सकेंगे। कानून में अब तक मेलों से पशु खरीदने का प्रावधान था, इसलिए कानूनी रूप से किसान अपने पशुओं को खरीद और बेच नहीं पाते थे। सरकार ने इसमें भी संशोधन कर दिया है। अब किसानों से भी पशु खरीदे जा सकेंगे। इसके लिए खरीददार को किसान की बही (खेत के कागजात) की फोटोकॉपी रखना होगी। ऐसे ही प्रदेश के बाहर से भी पशु खरीदकर प्रदेश लाए जा सकेंगे। इसके लिए राज्य शासन ट्रांजिट परमिट (टीपी) देगा। क्रेताओं को स्थानीय प्राधिकारी अधिकारी से टीपी जारी करना होगी, जिसमें परिवहन का समय और रूट भी स्पष्ट लिखना होगा।
निजी वेटरनरी कॉलेज खुलेंगे
राज्य शासन ने ‘नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय विधेयक” में भी संशोधन प्रस्तावित किया है। नए नियमों के तहत प्रदेश में निजी वेटरनरी कॉलेज खोले जा सकेंगे। इसके अलावा मत्स्य शिक्षा को लेकर भी निजी कॉलेज खोले जा सकेंगे। इसके लिए विवि से संबद्धता लेनी होगी। निजी कॉलेज खोलने को लेकर वीसीआई (वेटरनरी काउंसिल ऑफ इंडिया) के भी कड़े नियम हैं, जिनमें संशोधन के राज्य शासन प्रयास करेगा।
इस कानून में भी संशोधन को मंत्रिपरिषद ने हरी झंडी दे दी है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में अभी तीन डिग्री वेटरनरी कॉलेज और पांच डिप्लोमा कॉलेज हैं। सरकार ने गौ-भैंस वंश प्रजनन विनियमन विधेयक में भी संशोधन प्रस्तावित किया है। इसके तहत अब पशुओं के सीमन कलेक्शन करने के लिए निजी संस्थाएं खोली जा सकेंगी।
छिंदवाड़ा विवि को मंजूरी
कैबिनेट ने प्रदेश के आठवें विश्वविद्यालय छिंदवाड़ा को मंजूरी दे दी है। बरकतउल्ला विवि भोपाल और रानी दुर्गावती विवि जबलपुर के कार्यक्षेत्र को कम कर इस विवि का गठन किया जा रहा है। इसके कार्यक्षेत्र में छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट और बैतूल जिले रहेंगे।
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