मध्यप्रदेश में किसी भी सरकार के पास पूर्ण बहुमत नहीं है। कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है।
कमलनाथ को भोपाल में रहने का आदेश
मध्यप्रदेश में कांग्रेस विधायकों की हार्स ट्रेडिंग की संभावना को देखते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ को अपने विधायकों पर पूरी नजर रखने को कहा गया है। यही वजह है कि कमलनाथ दिल्ली नहीं जा रहे हैं। हाल ही में कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में हार की समीक्षा के लिए दिल्ली में बैठक बुलाई थी। इस बैठक में पार्टी के सभी सीनियर नेता मौजूद थे लेकिन कमलनाथ नहीं पहुंचे थे।
कांग्रेस को भय
दरअसल, कांग्रेस को भय है कि प्रधआनमंत्री नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण के बाद भाजपा प्रदेश में सक्रिय होकर कांग्रेस सरकार गिराने की कोशिश करेगी। इसी संभावना को देखते हुए कांग्रेस हाईकमान ने कमलनाथ को हर विधायक से संवाद करने को कहा गया है। उधर राहुल गांधी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को दिल्ली में ही रूकने को कहा है। जिस कारण से उनकी गुना-शिवपुरी में होने वाली धन्यवाद सभा को रद्द कर दिया गया है।
कमलनाथ ने हर मंत्री को दिया काम
वहीं, दूसरी तरफ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश के हर मंत्री को अपने-अपने जिलों के विधायकों की निगरानी करने के आदेश दिए गए हैं। कमलनाथ ने कहा है कि हर मंत्री पांच-पांच विधायकों की समस्या का समाधान करें ताकि विधायकों में असंतोष ना हो। जबकि खुद सीएम कमलनाथ निर्दलीय, बसपा और सपा विधायकों से सीधा संपर्क कर रहे हैं।