भोपाल। मध्यप्रदेश के राज्य के चार लाख 76 हजार पेंशनर्स महंगाई भत्ता दो फीसदी बढ़ाने का फैसला लटक गया है। छत्तीसगढ़ सरकार के सहमति नहीं देने और लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग जाने के कारण अब ढाई माह बाद ही इसे लागू किया जा सकेगा। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने तो आचार संहिता लगने से दो दिन पहले 8 मार्च को ही महंगाई भत्ता दो फीसदी बढ़ाकर सात फीसदी कर दिया। इसे एक जनवरी 2018 से लागू हो गया है। लेकिन मध्यप्रदेश का मामला छत्तीसगढ़ के कारण ही अटक गया है।
मध्यप्रदेश के पेंशनर्स को बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता अब लोकसभा के चुनाव बाद ही मिल पाएगा। क्योंकि छत्तीसगढ़ सरकार के सहमति नहीं देने पर यह मामला लटक गया है। पेंशन का लाभ नहीं मिलने के कारण मध्यप्रदेश की पेंशनर्स एसोसिएशन ने इसे धोखा बताया है।
तीन बार भेजे पत्र
मध्यप्रदेश सरकार के वित्त मंत्री तरुण भनोत समेत वित्त विभाग ने तीन पत्र भेजे, लेकिन सहमति तो नहीं दी, छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने यहां महंगाई भत्ता बढ़ाने के आदेश जारी कर दिए। मध्यप्रदेश सरकार पेंशनर्स को डीए देने के मामले में फिलहाल पीछे चल रही है, क्योंकि राज्य के कर्मचारियों को चार फीसदी अधिक डीए दिया जा रहा है।
मध्यप्रदेश सरकार के वित्त मंत्री तरुण भनोत समेत वित्त विभाग ने तीन पत्र भेजे, लेकिन सहमति तो नहीं दी, छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने यहां महंगाई भत्ता बढ़ाने के आदेश जारी कर दिए। मध्यप्रदेश सरकार पेंशनर्स को डीए देने के मामले में फिलहाल पीछे चल रही है, क्योंकि राज्य के कर्मचारियों को चार फीसदी अधिक डीए दिया जा रहा है।
लोकसभा चुनाव में हो सकती है मुश्किल
इधर, पेंशनर्स की नाराजगी का खामियाजा सरकार को आने वाले लोकसभा चुनाव में भुगतना पड़ सकता है। क्योंकि पेंशनर्स एसोसिएशन ने सरकार को चेतावनी तक दे डाली है कि वे अब चुनाव में सरकार का साथ नहीं दे पाएंगे।
इधर, पेंशनर्स की नाराजगी का खामियाजा सरकार को आने वाले लोकसभा चुनाव में भुगतना पड़ सकता है। क्योंकि पेंशनर्स एसोसिएशन ने सरकार को चेतावनी तक दे डाली है कि वे अब चुनाव में सरकार का साथ नहीं दे पाएंगे।
तो लेना पड़ेगी चुनाव आयोग से अनुमति
वित्त विभाग का कहना है कि यदि छत्तीसगढ़ सरकार सहमति भी दे देती है तो मध्यप्रदेश में पेंशनर्स का डीए नहीं बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए चुनाव आयोग से अनुमति लेना पड़ेगी। यदि आयोग अनुमति दे देगा तो मध्यप्रदेश में दो फीसदी डीए बढ़ाया जा सकता है।
वित्त विभाग का कहना है कि यदि छत्तीसगढ़ सरकार सहमति भी दे देती है तो मध्यप्रदेश में पेंशनर्स का डीए नहीं बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए चुनाव आयोग से अनुमति लेना पड़ेगी। यदि आयोग अनुमति दे देगा तो मध्यप्रदेश में दो फीसदी डीए बढ़ाया जा सकता है।