मंथन न्यूज़ शिवपुरी। शहर के फिजीकल क्षेत्र में स्थित शिवशक्ति नगर में सर्वे नंबर 1176 से लगी हुई बेशकीमती शासकीय सर्वे की भूमि को जमीन कारोबारी दीपक सांखला द्वारा खुर्दबुर्द किया जा रहा है, वहीं सबकुछ जानने के बाद भी प्रशासनिक अधिकारी मौन साधे हुए हैं। यही कारण है कि जमीन कारोबारी द्वारा कई लोगों को यहां 250 रुपए वर्गफुट तक प्लॉट काटकर बेच दिए गए हैं।
जिन लोगों द्वारा इस जमीन पर प्लॉट खरीदे गए हैं उनकी मानें तो दीपक सांखला द्वारा उन्हें यह कह कर
धनाढ्य सेठ के रुतबे के आगे प्रशासनिक अधिकारी भी बौने साबित हो रहे हैं। प्रशासन द्वारा विगत माहों में शहरभर के विभिन्न हिस्सों में अतिक्रमण विरोधी मुहिम चलाई थी और इस दौरान प्रशासन द्वारा वैध मकानों को तोडऩे से भी परहेज नहीं किया था। कई मकान मालिक अपने कागजात लेकर प्रशासन के अधिकारियों के सामने गिड़गिड़ाते देखे गए, लेकिन प्रशासन ने किसी की एक नहीं सुनीं। वहीं दूसरी ओर प्रशासन द्वारा इस तरह के धनाढ्य सेठ जो शासकीय जमीन को खुर्दबुर्द कर रहे हैं उन पर कार्यवाही करने की हिम्मत भी नहीं जुटा पा रहा है। यहां बताना होगा कि जमीन कारोबारी दीपक सांखला हमेशा जमीनी संबंधी विवादों के लिए सुर्खियों में बने रहते हैं। जब इस बात की जानकारी प्लॉट खरीददारों को लगी तो उनके द्वारा दीपक सांखला से रजिस्ट्री कराने के लिए कहा तो उन्हें डायवर्सन के नाम पर गुमराह कर दिया जाता है और कहा जाता है कि इस जमीन का डायवर्सन हो रहा है इसके बाद रजिस्ट्री करा दी जाएगी, लेकिन सूत्रों की मानें तो उक्त जमीन शासकीय है इसकी कभी भी रजिस्ट्री नहीं हो सकती है। बताना होगा कि उक्त जमीन पर कई लोगों द्वारा अपने पसीने की गाढ़ी कमाई से भवन निर्माण भी कर लिए गए हैं और वह अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहे हैं। विदिता हो कि प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा शहरभर में कार्यवाही के नाम पर अतिक्रमणकारियों को नोटिस विगत माह थमाए गए थे और इससे पूर्व कुछ लोगों के मकान भी गिराए गए थे, लेकिन इस जमीन कारोबारी की ओर अभी तक प्रशासन का ध्यान नहीं दिया जो चर्चा का विषय बना हुआ है। अब देखना है कि प्रशासन इस जमीन कारोबारी को कब तक अभयदान देता है?
इनका कहना है
मेरे द्वारा काफी समय पहले दीपक सांखला से प्लॉट खरीदा गया था, लेकिन कई बार कहने के बावजूद भी अभी तक रजिस्ट्री नहीं कराई गई है।
रघुवीर रजक, प्लॉट खरीददार
जिन लोगों द्वारा इस जमीन पर प्लॉट खरीदे गए हैं उनकी मानें तो दीपक सांखला द्वारा उन्हें यह कह कर
धनाढ्य सेठ के रुतबे के आगे प्रशासनिक अधिकारी भी बौने साबित हो रहे हैं। प्रशासन द्वारा विगत माहों में शहरभर के विभिन्न हिस्सों में अतिक्रमण विरोधी मुहिम चलाई थी और इस दौरान प्रशासन द्वारा वैध मकानों को तोडऩे से भी परहेज नहीं किया था। कई मकान मालिक अपने कागजात लेकर प्रशासन के अधिकारियों के सामने गिड़गिड़ाते देखे गए, लेकिन प्रशासन ने किसी की एक नहीं सुनीं। वहीं दूसरी ओर प्रशासन द्वारा इस तरह के धनाढ्य सेठ जो शासकीय जमीन को खुर्दबुर्द कर रहे हैं उन पर कार्यवाही करने की हिम्मत भी नहीं जुटा पा रहा है। यहां बताना होगा कि जमीन कारोबारी दीपक सांखला हमेशा जमीनी संबंधी विवादों के लिए सुर्खियों में बने रहते हैं। जब इस बात की जानकारी प्लॉट खरीददारों को लगी तो उनके द्वारा दीपक सांखला से रजिस्ट्री कराने के लिए कहा तो उन्हें डायवर्सन के नाम पर गुमराह कर दिया जाता है और कहा जाता है कि इस जमीन का डायवर्सन हो रहा है इसके बाद रजिस्ट्री करा दी जाएगी, लेकिन सूत्रों की मानें तो उक्त जमीन शासकीय है इसकी कभी भी रजिस्ट्री नहीं हो सकती है। बताना होगा कि उक्त जमीन पर कई लोगों द्वारा अपने पसीने की गाढ़ी कमाई से भवन निर्माण भी कर लिए गए हैं और वह अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहे हैं। विदिता हो कि प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा शहरभर में कार्यवाही के नाम पर अतिक्रमणकारियों को नोटिस विगत माह थमाए गए थे और इससे पूर्व कुछ लोगों के मकान भी गिराए गए थे, लेकिन इस जमीन कारोबारी की ओर अभी तक प्रशासन का ध्यान नहीं दिया जो चर्चा का विषय बना हुआ है। अब देखना है कि प्रशासन इस जमीन कारोबारी को कब तक अभयदान देता है?
इनका कहना है
मेरे द्वारा काफी समय पहले दीपक सांखला से प्लॉट खरीदा गया था, लेकिन कई बार कहने के बावजूद भी अभी तक रजिस्ट्री नहीं कराई गई है।
रघुवीर रजक, प्लॉट खरीददार
प्लॉट विक्रय किए गए थे उनके द्वारा उन्हें रजिस्ट्री कराई जाएगी, लेकिन आज दिन तक कोई रजिस्ट्री नहीं कराई गई है।
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