मंथन न्युज शिवपुरी
शिवपुरी के इतिहास में पहली बार एेसा हुआ जब दुसरे संगठनो के धरने और उनकी आवाज को उठाने वाले पत्रकारों को स्वंम धरने पर बैठनें के लिय मजबूर होना पड़ा है ! एेसे संजोग जब होते है जब पानी सर से ऊपर चला जाता है ! शिवपुरी किसी जमाने में शान्त और सुन्दर शहर की धवि कें लिय मसहुर हुआ करता था और आज उसी शहर की विडम्बना ही करेंगें की उजडा और अफरशाही से लिप्त हो गया है जहॉ जनता की आवाज उठाने वाला चौथा स्तम्भ ही धरनें पर बैठने के लिये मजबूर हो गया ! ये सब हुया 45दिन की प्रभारी कलेक्टर नेहा माराव्या के कारण जिस पर शिवपुरी कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव का चार्ज है ओपी श्रीवास्तव प्रशिक्षण के लियें बाहर गये हुये है उनकी जगह पर विराजते और प्रभार आते ही नेहा माराव्या इतनी असंवेदन शील हो गयी की वह भूल ही गयी की वह सिर्फ 45 दिन की कलेक्टर है ओर जनसुनवाई में अपनी परेशानी की गुहार लगाने ओर इक्छा मृत्यु मॉग के लिय आये एक व्यक्ति की परेशानी हल ना करने की जगह एसपी शिवपुरी को आदेश कर दिया की इक्छा मृत्युु की मॉग कें लिय आयें युवक को जैेल भेज दिया जाये क्या जैल भैज कर परेशान युवक को और परेंशान करनें प्रयास नही है जब पत्रकारों ने इस घटना क्रम को गम्भीरता से उठाया तो प्रभारी कलेक्टर पत्रकारों को कलेक्ट्रेट की जनसूनवायी से दूर ऱखने का रास्ता खोजने लगी और जन्सम्पर्क विभाग के ऑफिस से मेल के जरीयें पत्रकारो को आमंत्रित कर कलेक्ट्रेड परिषर में बुलाकर चाय नाशते के साथ जनसुनवाही से विदाई का नया फरमान सुना डाला और एक एक करके उनके हिसाब सें कवरेज के लिये ऱास्ता खोज निकाला पत्रकारो नें भी ये कहते हुये विरोध कर दिया की वे चैनल की नोकरी कर रहे है और एेसा करने से ओपन जनसु्नवाई का मतलब ही खत्म हो जाता है क्या कवरेज प्रभारी के आदेशानुसार होगी यह कह चैम्वर के बाहर आकर प्रभारी कलेक्टर का विरोध कर दिया ! प्रभारी कलेक्टर नें पत्रकारो का विरोध देख कर घवराहट में अपने शब्दो को वापस ले लिया फिर पुनः जनसुनवायी में ऱाशन ना मिलने की समस्या को लेकर आयी महिलायो को जेल भेजने की धमकी दें डाली ये खबर भी पत्रकारों ने प्रमुखता से चलायी प्रभारी कलेक्टर को पत्रकारों की कवरेज रास नही आ रही थी और 25 की तारीख को उन्होंने पीआरओ को इनट्रक्शन दे डाला कि पत्रकारो के लिय गाईड लाईन वना दी गयी है और पत्रकार इस लाईन के बाहर व्ही आई पी के सामने नजर नहीं आने चाहिए यदि ऐसा हुआ तो आपकी नोकरी खतरे में पद सकती है मेडम की ये बात विडियों के रूप में पत्रकारो तक पहुंच गयी और पीआरओ की बेज्जती ओर नेहा मेडम की गाईड लाईन से अपमान महसुस कर रहें पत्रकारो ने सर्व सहमती सें 26 जनवरी की कवरेज ना करनें का निर्णय कर लिया और 26 जनवरी का त्यौहार शहीद स्मारक तात्या टोपे की स्थली पर बनाया उस दिन प्रभारी कलेक्टर की भजियत पुरे जिले में होती दिखाई दी और सभी ने प्रभारी कलेक्टर की हरकत की निन्दा की !उसके बाद पत्रकारो नें सहसहमति से सर्कित हाउस में निर्णय लिया गया कि अब वह प्रभारी कलेक्टर के प्रभार सें हटाने के लिय धरने पर बैठेंगें आज धरनें के पॉचवे दिन भी प्रभारी कलेक्टर के खिलाफ धरना चालु है जिसे पत्रकार सोमबार से गति प्रदान करेंगें और कई सगठन भी प्रभारी कलेक्टर के रवैयै के खिलाफ पत्रकारों के समर्थन में आगें आयें है प्रदेश शिवपुरी पत्रकारो का आन्दोलन की खबर हवा का रूप लें रही है प्रदेश में कई जिले में शिवपुरी पत्रकारो कें समर्थन में पत्रकारों द्वारा ऩेहा माराव्या के खिलाफ आवेदन दिये जा रहें है
शिवपुरी के इतिहास में पहली बार एेसा हुआ जब दुसरे संगठनो के धरने और उनकी आवाज को उठाने वाले पत्रकारों को स्वंम धरने पर बैठनें के लिय मजबूर होना पड़ा है ! एेसे संजोग जब होते है जब पानी सर से ऊपर चला जाता है ! शिवपुरी किसी जमाने में शान्त और सुन्दर शहर की धवि कें लिय मसहुर हुआ करता था और आज उसी शहर की विडम्बना ही करेंगें की उजडा और अफरशाही से लिप्त हो गया है जहॉ जनता की आवाज उठाने वाला चौथा स्तम्भ ही धरनें पर बैठने के लिये मजबूर हो गया ! ये सब हुया 45दिन की प्रभारी कलेक्टर नेहा माराव्या के कारण जिस पर शिवपुरी कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव का चार्ज है ओपी श्रीवास्तव प्रशिक्षण के लियें बाहर गये हुये है उनकी जगह पर विराजते और प्रभार आते ही नेहा माराव्या इतनी असंवेदन शील हो गयी की वह भूल ही गयी की वह सिर्फ 45 दिन की कलेक्टर है ओर जनसुनवाई में अपनी परेशानी की गुहार लगाने ओर इक्छा मृत्यु मॉग के लिय आये एक व्यक्ति की परेशानी हल ना करने की जगह एसपी शिवपुरी को आदेश कर दिया की इक्छा मृत्युु की मॉग कें लिय आयें युवक को जैेल भेज दिया जाये क्या जैल भैज कर परेशान युवक को और परेंशान करनें प्रयास नही है जब पत्रकारों ने इस घटना क्रम को गम्भीरता से उठाया तो प्रभारी कलेक्टर पत्रकारों को कलेक्ट्रेट की जनसूनवायी से दूर ऱखने का रास्ता खोजने लगी और जन्सम्पर्क विभाग के ऑफिस से मेल के जरीयें पत्रकारो को आमंत्रित कर कलेक्ट्रेड परिषर में बुलाकर चाय नाशते के साथ जनसुनवाही से विदाई का नया फरमान सुना डाला और एक एक करके उनके हिसाब सें कवरेज के लिये ऱास्ता खोज निकाला पत्रकारो नें भी ये कहते हुये विरोध कर दिया की वे चैनल की नोकरी कर रहे है और एेसा करने से ओपन जनसु्नवाई का मतलब ही खत्म हो जाता है क्या कवरेज प्रभारी के आदेशानुसार होगी यह कह चैम्वर के बाहर आकर प्रभारी कलेक्टर का विरोध कर दिया ! प्रभारी कलेक्टर नें पत्रकारो का विरोध देख कर घवराहट में अपने शब्दो को वापस ले लिया फिर पुनः जनसुनवायी में ऱाशन ना मिलने की समस्या को लेकर आयी महिलायो को जेल भेजने की धमकी दें डाली ये खबर भी पत्रकारों ने प्रमुखता से चलायी प्रभारी कलेक्टर को पत्रकारों की कवरेज रास नही आ रही थी और 25 की तारीख को उन्होंने पीआरओ को इनट्रक्शन दे डाला कि पत्रकारो के लिय गाईड लाईन वना दी गयी है और पत्रकार इस लाईन के बाहर व्ही आई पी के सामने नजर नहीं आने चाहिए यदि ऐसा हुआ तो आपकी नोकरी खतरे में पद सकती है मेडम की ये बात विडियों के रूप में पत्रकारो तक पहुंच गयी और पीआरओ की बेज्जती ओर नेहा मेडम की गाईड लाईन से अपमान महसुस कर रहें पत्रकारो ने सर्व सहमती सें 26 जनवरी की कवरेज ना करनें का निर्णय कर लिया और 26 जनवरी का त्यौहार शहीद स्मारक तात्या टोपे की स्थली पर बनाया उस दिन प्रभारी कलेक्टर की भजियत पुरे जिले में होती दिखाई दी और सभी ने प्रभारी कलेक्टर की हरकत की निन्दा की !उसके बाद पत्रकारो नें सहसहमति से सर्कित हाउस में निर्णय लिया गया कि अब वह प्रभारी कलेक्टर के प्रभार सें हटाने के लिय धरने पर बैठेंगें आज धरनें के पॉचवे दिन भी प्रभारी कलेक्टर के खिलाफ धरना चालु है जिसे पत्रकार सोमबार से गति प्रदान करेंगें और कई सगठन भी प्रभारी कलेक्टर के रवैयै के खिलाफ पत्रकारों के समर्थन में आगें आयें है प्रदेश शिवपुरी पत्रकारो का आन्दोलन की खबर हवा का रूप लें रही है प्रदेश में कई जिले में शिवपुरी पत्रकारो कें समर्थन में पत्रकारों द्वारा ऩेहा माराव्या के खिलाफ आवेदन दिये जा रहें है
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